शिवपाल यादव इस बार भी अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर से चुनाव जीते हैं.(फाइल फोटो)
लखनऊ:
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की मुलाकात के चंद रोज भीतर ही आज सपा नेता शिवपाल यादव की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात होने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक यह मुलाकात सुबह तकरीबन 11.15 होने की संभावना है. अपर्णा के बाद अब शिवपाल की मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. ऐसा इसलिए भी कि चुनाव के पहले से ही चाचा-भतीजा(शिवपाल-अखिलेश) के बीच की तल्खी थमने के बजाय और बढ़ती ही दिख रही है. इसकी ताजा कड़ी के तहत चुनाव बाद सपा के विधायक दलों की बैठकों से शिवपाल ने दूरी बनाकर रखी है. इटावा की जसवंतनगर सीट से विधायक होने के बावजूद वह बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे.
नेता-प्रतिपक्ष के रूप में अखिलेश यादव द्वारा राम गोविंद चौधरी को चुने जाने पर भी कहा जा रहा है कि इससे शिवपाल नाराज हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि मुलायम और शिवपाल नेता-प्रतिपक्ष के रूप में आजम खान के नाम को आगे बढ़ाना चाहते थे लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश ने अनदेखी करते हुए राम गोविंद चौधरी को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया.
हाल में मुलायम सिंह द्वारा बेटे अखिलेश पर निशाना साधने के बाद शिवपाल ने भी बगैर नाम लिए कहा कि जो बच्चे बाप की बात नहीं मानते, वह तरक्की नहीं करते हैं. इसी तरह एक अन्य जगह पर पिछले दिनों उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी को पीड़ा नहीं देनी चाहिए और उसे संस्कार एवं नैतिकता पर चलना चाहिए.
इसके अलावा पिता-पुत्र विवाद और चाचा-भतीजे की जंग में पलड़ा अखिलेश की तरफ झुकने के बाद शिवपाल सपा की राजनीति में हाशिए पर चले गए हैं. एक तरफ अपर्णा की सीएम से मुलाकात को यदि उनकी सपा में स्पेस पाने की जद्दोजहद के तहत दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है वहीं अपनी अलग पार्टी बनाने का संकेत देने वाले शिवपाल की योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
नेता-प्रतिपक्ष के रूप में अखिलेश यादव द्वारा राम गोविंद चौधरी को चुने जाने पर भी कहा जा रहा है कि इससे शिवपाल नाराज हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि मुलायम और शिवपाल नेता-प्रतिपक्ष के रूप में आजम खान के नाम को आगे बढ़ाना चाहते थे लेकिन सपा अध्यक्ष अखिलेश ने अनदेखी करते हुए राम गोविंद चौधरी को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया.
हाल में मुलायम सिंह द्वारा बेटे अखिलेश पर निशाना साधने के बाद शिवपाल ने भी बगैर नाम लिए कहा कि जो बच्चे बाप की बात नहीं मानते, वह तरक्की नहीं करते हैं. इसी तरह एक अन्य जगह पर पिछले दिनों उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को पुरानी पीढ़ी को पीड़ा नहीं देनी चाहिए और उसे संस्कार एवं नैतिकता पर चलना चाहिए.
इसके अलावा पिता-पुत्र विवाद और चाचा-भतीजे की जंग में पलड़ा अखिलेश की तरफ झुकने के बाद शिवपाल सपा की राजनीति में हाशिए पर चले गए हैं. एक तरफ अपर्णा की सीएम से मुलाकात को यदि उनकी सपा में स्पेस पाने की जद्दोजहद के तहत दबाव की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है वहीं अपनी अलग पार्टी बनाने का संकेत देने वाले शिवपाल की योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं