केंद्र सरकार ने विदेश सचिव के पद से सुजाता सिंह की छुट्टी कर दी है। उनके कार्यकाल में छह महीनों का वक्त बाकी था। उनकी जगह डॉ. एस जयशंकर को नया विदेश सचिव बनाया गया है। उन्होंने अब से आधे घंटे पहले विदेश मंत्रालय जाकर पदभार संभाल लिया है।
जयशंकर अमेरिका में भारत के राजदूत थे। इससे पहले वह चीन में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं। जयशंकर ने अमेरिका के साथ एटमी डील का रास्ता साफ करने और ओबामा को गणतंत्र दिवस पर मेहमान बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
वहीं सुजाता सिंह के कार्यकाल में करीब आठ माह का समय बचा था, लेकिन उसमें अचानक कटौती कर दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति की बैठक में अचानक से यह घोषणा की गई। सुजाता सिंह का दो वर्ष का कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में समाप्त होना था।
देर रात की गई आधिकारिक घोषणा के अनुसार, भारतीय विदेश सेवा की 1976 बैच की अधिकारी सुजाता सिंह के बतौर विदेश सचिव कार्यकाल में तुरंत प्रभाव से कटौती कर दी गई।
घोषणा में कहा गया कि 1977 बैच के आईएफएस एस जयशंकर की नियुक्ति एफआर 56 (डी) के प्रावधानों के अनुसार, सुजाता सिंह के स्थान पर, पदभार ग्रहण करने की तारीख से दो साल के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले होगा, उसके लिए प्रभावी होगी।
क्यों मिली जयशंकर को कमान
-सुजाता सिंह के काम से खुश नहीं थे पीएम
-पीएम के यूएस दौरे के दौरान जयशंकर की भूमिका अहम
-ओबामा के दौरे के भी सूत्रदार रहे हैं जयशंकर
-चीनी शासन के साथ बेहतर तालमेल
-कुछ महीने बाद चीन जाएंगे पीएम
-रूस और मध्य एशिया के मसलों
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