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This Article is From Oct 18, 2016

रूबी राय इफेक्ट : गैराज और इकलौते कमरों से चलने वाले कई स्कूल-कॉलेजों की मान्यता रद्द

रूबी राय इफेक्ट : गैराज और इकलौते कमरों से चलने वाले कई स्कूल-कॉलेजों की मान्यता रद्द
17 साल की आर्ट टॉपर रूबी राय टॉपर घोटाले का चेहरा बन गई थी
पटना: इसे रूबी राय इफेक्ट ही कहा जाएगा कि इसके बाद बिहार में 68 कॉलेजों व 19 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है. जांच में यह सभी कॉलेज और स्कूल सिर्फ कागजों पर ही दिखे और इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर इनके पास कुछ भी नहीं था.

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सरकारी अधिकारियों के जरिए कराई गई जांच के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है उनमें से एक केशव विंदेवरी देवी कॉलेज भी है जो एक गैराज से चलाया जा रहा था. ऐसे ही कई अन्य कॉलेज सिर्फ एक कमरे से चलाए जा रहे थे.

इसी साल बिहार में 12वीं बोर्ड के एग्जाम में टॉप करने वाले कुछ छात्रों के बारे में पता चला था कि उनकी कॉपी किसी अन्य व्यक्ति ने लिखी थी. इसके बाद इस जांच के आदेश दिए गए थे.

17 साल की आर्ट टॉपर रूबी राय इस टॉपर घोटाले का चेहरा बन गई थी. रूबी राय ने पॉलिटिकल साइंस में टॉप किया था और एक टीवी चैनल से बात करते हुए उसने बताया कि इस विषय में खाना बनाना सिखाया जाता है. घोटाले का पता चलने के बाद जब रूबी राय और उसकी तरह ही अन्य टॉपरों का दोबारा टेस्ट लिया गया तो वे एक प्रश्न का भी सही-सही जवाब नहीं दे पाए.

पढ़ें : उत्तरपुस्तिका में फिल्मों के नाम और कविताएं लिखकर आई थी 'बिहार की टॉपर' रूबी राय

रूबी को गिरफ्तार किया गया और बाल सुधार ग्रह भेज दिया गया था. इस कार्रवाई को कुछ अधिकारियों के अतिरेक कार्रवाई करार दिया था. इस टॉपर घोटाले में 17 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था, जिनमें घोटाले के मास्टरमाइंड रूबी के कॉलेज, वीएन कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय भी थे. यह सब राज्य की राजधानी पटना से महज 45 किमी की दूरी पर हो रहा था.

किशोर ने बताया कि आज जिन भी कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का फैसला लिया गया है उन सबको पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर लालकेश्वर प्रसाद सिंह के कार्यकाल में मान्यता दी गई थी. लालकेश्वर भी फिलहाल बच्चा राय के साथ जेल की हवा खा रहे हैं.

हाल ही में पुलिस ने खुलासा किया था कि रूबी राय ने अपने बोर्ड एग्जाम की आंसर शीट में कविताएं और फिल्मों के नाम लिखे थे. रूबी का कहना है कि उसने कभी टॉप करने के बारे में नहीं सोचा था, वह तो बस यही मना रही थी कि पास हो जाए. रूबी के पिता ने कथित तौर पर उसके अच्छे नंबरों के लिए पैसे दिए थे.

एक फॉरेंसिक जांच में पता चला कि रूबी राय की कॉपी किसी अन्य व्यक्ति ने लिखी थी. इससे पहले पिछले साल भी कुछ तस्वीरें राष्ट्रीय चैनलों और अखबारों की सुर्खियों में छा गई थीं, जिनमें 10वीं बोर्ड के एग्जाम में माता-पिता और रिश्तेदार छात्रों को खिड़कियों पर चढ़कर नकल करवा रहे थे. इसके बाद कानून सख्त किया गया और और नकल करने या कराने का दोषी पाए जाने वाले बालिग के लिए 6 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है.

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