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This Article is From Aug 12, 2014

आरटीआई में खुलासा : कहां गए भारत के 20 रणबांकुरे, वर्षों बाद भी सुराग नहीं

आरटीआई में खुलासा : कहां गए भारत के 20 रणबांकुरे, वर्षों बाद भी सुराग नहीं
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

भारत की सरहदों की रक्षा में तैनात 20 रणबांकुरे वर्षों से लापता हैं और आज तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। इन रणबांकुरों के साथ क्या हुआ, इसका जवाब अनुत्तरित है।

विदेश मंत्रालय ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दायर आवेदन के जवाब में बताया है कि वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 2010 तक सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात 20 सैनिक लापता हुए हैं।

आवेदन के जवाब में बताया गया है कि दिल्ली के शालीमार बाग निवासी और 11 इंजीनियर रेंजीमेंट के कैप्टन अविनाश कुमार शर्मा 16 अगस्त 1996 को जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर से लापता हो गए थे। वहीं, नेपाल के गंडकी अंचल निवासी एवं भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स के हवलदार भूपेंद्र बहादुर थापा 12 अगस्त 1996 को जम्मूकश्मीर में पुंछ जिले की कृष्णाघाटी से लापता हुए थे।

इसी तरह भारत की सरहदों की रक्षा में तैनात गोरखा राइफल्स के ही नेपाल निवासी नेत्र बहादुर थापा भी 12 अगस्त 1996 को पुंछ जिले की कृष्णाघाटी से ही लापता हैं। नेपाल के लुंबिनी अंचल निवासी एवं गोरखा राइफल्स के ही नायक हर्क बहादुर राणा भी 12 अगस्त 1996 को कृष्णाघाटी से लापता हुए थे।

देहरादून निवासी एवं गोरखा राइफल्स के जवान लांस नायक राजू गुरूंग भी 12 अगस्त 1996 से ही कृष्णाघाटी से लापता हैं।

मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि गोरखा राइफल्स के पुणे निवासी कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी 27 अप्रैल 1997 को कच्छ के रण से लापता हुए थे। गोरखा राइफल्स के ही लांस नायक राम बहादुर थापा भी 27 अप्रैल 1997 से कच्छ के रण से लापता हैं। राजस्थान के अलवर निवासी एवं 286 मीडियम रेजीमेंट के जीएनआर वीरेंद्र सिंह 17 अक्तूबर 1998 को काकसर सेक्टर (निरिल मोर चौकी) से लापता हो गए थे।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ निवासी एवं 8 जम्मू एंड कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के गोपाल दास 20 अगस्त 2000 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर से लापता हुए, वहीं केरल के कोट्टायम निवासी एवं 5131 एएससी बीएन के लांस नायक जोस जेम्स 15 जून 2003 को करगिल (शिंगरो नदी) से लापता हैं।

तिरूवल्लूर, तमिलनाडु के निवासी एवं 6 इंजीनियर रेजीमेंट के कृष्ण कुमार 8 अगस्त 2003 को उरी सेक्टर से लापता हैं।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा निवासी एवं 539 एएससी बीएन के महेश पात्र 8 जुलाई 2005 को जम्मू-कश्मीर से लापता हैं। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद निवासी और 539 एएससी बीएन के लांस नायक शैलेश कुमार शुक्ला भी 8 जुलाई 2005 से जम्मू-कश्मीर से ही लापता हैं।

रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड) निवासी एवं 234 एईआर यूनिट के नायक संदीप सिंह 26 अप्रैल 2006 से जम्मू कश्मीर से लापता हैं।

आरटीआई आवेदन के जवाब के अनुसार उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी और 17 महार रेजीमेंट के विक्रम सिंह 5 अगस्त 2006 को बटालिक से लापता हुए थे। इसी रेजीमेंट के पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग निवासी सिपाही बिष्णु राय 5 अगस्त 2006 को ही बटालिक सेक्टर से लापता हुए थे।

आरटीआई के जवाब के अनुसार हवलदार रंजीत कुमार (15 बिहार रेजीमेंट) 6 अगस्त 2010 से सियाचिन से लापता हैं। वह पटना के रहने वाले थे। इसी रेजीमेंट के राकेश कुमार भी 6 अगस्त 2010 से ही सियाचिन से लापता हैं। वह भी पटना के रहने वाले थे। लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट सेंटर के राइफलमैन सेवांग दोरजई और राइफलमैन करमा नामागिल 6 अगस्त 2010 को लेह से लापता हो गए थे। दोनों लेह के ही रहने वाले थे।

जवाब में इन फौजियों के लापता होने का कारण और वर्तमान स्थिति के बारे में नहीं बताया गया है।

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