नागपुर में स्वयंसेवकों के साथ सरसंघचालक मोहन भागवत
खास बातें
- कानून का पालन करने में गोरक्षक अहम भूमिका निभाते हैं : आरएसएस प्रमुख
- ऐसे गोरक्षक स्व-घोषित गोरक्षकों से अलग होते हैं : मोहन भागवत
- पीएम मोदी भी स्व-घोषित गोरक्षकों द्वारा किए हिंसक हमलों पर बरस चुके हैं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को गोरक्षकों का बचाव किया, और कहा कि असामाजिक तत्वों तथा कानून का पालन करने वाले गोरक्षकों के बीच अंतर को समझा जाना चाहिए. गौरतलब है कि गोरक्षकों और उनके कृत्यों की वजह से पिछले कुछ महीनों के दौरान कई हिंसक घटनाएं हुई हैं.
केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले आरएसएस के स्थापना दिवस पर नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि हिन्दुओं द्वारा पवित्र मानी जाने वाली गाय की रक्षा कानून के दायरे में ही की जानी चाहिए, और वे गोरक्षक, जो ऐसा करते हैं, एक महत्वपूर्ण समाजसेवा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "गोरक्षक अच्छे लोग होते हैं... देश में गोरक्षा के लिए कानून हैं... प्रशासन को ध्यान रखना होगा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो असामाजिक तत्व हैं, और कभी गोरक्षक नहीं हो सकते... उनके ज़रिये बेवकूफ न बनें... उन लोगों तथा गोरक्षकों में फर्क होता है... उन्हें एक साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए..."
कुछ महीने पहले गुजरात में कुछ कथित गोरक्षकों द्वारा चार दलित युवकों की कपड़े उतारकर पिटाई करने के मामले जैसी घटनाओं को लेकर जनता में भड़के गुस्से के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए कहा था कि कुछ गोरक्षक 'असामाजिक तत्व' हैं.