रॉबर्ट वाड्रा ने उनके सक्रिय राजनीति शामिल होने को लेकर चल रही अटकलों के बीच एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा सक्रिय राजनीति में आने की फिलहाल कोई जल्दी नहीं है. मुझे इसे कमाना है. उन्होंने कहा कि मुझे बेबुनियाद और आधारहीन आरोपों से मुक्त होना होगा.मैं इस पर काम शुरू करूंगा. कोई जल्दबाजी नहीं है. लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि मैं एक परिवर्तन ला सकता हूं. बता दें कि वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय विदेश में कथित रूप से अवैध सम्पत्ति की खरीद और राजस्थान के बीकानेर में कथित भूमि घोटाले से संबंधित धनशोधन मामलों की जांच कर रही है. फेसबुक पोस्ट में वाड्रा ने देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में उनके द्वारा प्रचार में व्यतीत किये गए वर्ष एवं महीनों के बारे में लिखा और दावा किया कि इससे उन्हें लोगों के लिए और काम करने की प्रेरणा मिली. रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि इतने वर्षों के अनुभव और ज्ञान को ऐसे ही व्यर्थ नहीं किया जा सकता और इसका बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.एक बार ये सभी आरोप समाप्त हो जाने पर, मेरा मानना है कि मुझे जनता की सेवा में एक बड़ी भूमिका निभानी चाहिए.
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वाड्रा की यह टिप्पणी प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने और कांग्रेस महासचिव पूर्वी उत्तर प्रदेश नियुक्त होने के कुछ सप्ताह बाद आयी है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि मैं बड़े स्तर पर लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हूं. उन्होंने आगे लिखा कि महीनों और सालों तक लोगों के बीच काम करने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मुझे आम जनता के लिए बड़े स्तर पर कुछ करने की जरूरत है. खासतौर पर यूपी में काम करने के बाद ऐसा लगा कि यहां काफी कुछ करना बाकी है. मेरे हिसाब से बीते कुछ सालों में सीखे गए अपने अनुभव को यूं ही बेकार होने देना सही नहीं है. उन्होंने आगे लिखा कि एक बार जैसे ही मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार साबित हो जाएंगे उसके बाद में बड़े स्तर पर काम करना चाहूंगा. कुछ दिन पहले ही एनडीटीवी से बातचीत में वाड्रा ने कहा था कि मैं लोगों की मदद के लिए ही राजनीति में नहीं आना चाहता लेकिन अगर ऐसा करने से मैं कोई बड़ा अंतर तय कर पाऊं तो क्यों नहीं? लेकिन यह लोग तय करेंगे.
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गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की बहन और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने भी सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था. कांग्रेस ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया थी, उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई थी. वे फरवरी के पहले सप्ताह से जिम्मेदारी संभालेंगी. इसके अलावा कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को तुरंत प्रभाव से महासचिव नियुक्त करके पश्चिमी यूपी की कमान सौंपी गई थी.
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पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जो पहले की तरह कर्नाटक के प्रभारी की भूमिका निभाते रहेंगे. संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद वेणुगोपाल की नियुक्ति की गई थी. उत्तर प्रदेश के लिए प्रभारी-महासचिव की भूमिका निभा रहे गुलाम नबी आजाद को अब हरियाणा की जिम्मेदारी दी गयी थी.
लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री का एलान कांग्रेस का बड़ा दांव माना गया था. यूपी में अखिलेश यादव और मायावती के गठबंधन करने के बाद कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया था. वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राहुल गांधी आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं. कांग्रेस राफेल सहित कई अन्य मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेर रही है.
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कांग्रेस के इस एलान के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि हर राज्य से नकारे जाने के बाद आखिर में कांग्रेस ने अब प्रियंका गांधी पर दांव खेला है. प्रियंका कांग्रेस के लिए बैसाखी की तरह है. न्यू इंडिया में यह सवाल पूछा जा रहा है कि नेहरू जी के बाद इंदिरा जी फिर राजीव, फिर सोनिया जी, फिर राहुल जी और अब प्रियंका जी. बीजेपी में पार्टी ही परिवार है तो कांग्रेस में परिवार ही पार्टी है. यही फर्क है हमारे बीच.'
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प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने उन्हें बधाई देते हुए फेसबुक पर पोस्ट लिखा था कि 'शुभकामनाएं प्रियंका... तुम्हारी जिंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारे साथ हूं.' इनके अलावा कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, 'वह पहले भी चुनाव में जिम्मेदारियां संभाल चुकी है. अब जैसी परिस्थितियां होंगी वैसा फैसला लिया जाएगा. इस फैसले से पूरे देश में उत्साह है. सब इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. पार्टी में आगे किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी यह बाद की बात है.' वहीं दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा, 'यह फैसला स्वागत योग्य है. प्रियंका जी को चुनाव और राजनीति की अच्छी समझ है. सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस को फायदा होगा. यह कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है.'
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