रतन टाटा के निधन के बाद से उनके सबसे करीबी दोस्तों मे से एक शांतनु नायडू भी सूर्खियों में आ गए हैं. हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर रतन टाटा से उम्र में 55 साल छोटे होने के बावजूद भी शांतनु नायडू रतन टाटा के इतने करीब कैसे रहे हैं ? आपको बता दें कि शांतनु नायडू को रतन टाटा के करीबी मित्र और सहायक के रूप में भी जाना जाता है. शांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे के एक तेलुगु परिवार में हुआ है. नायडू न सिर्फ बिजनेस की दुनिया में अपनी अलग समझ के लिए जाने जाते हैं बल्कि समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता भी उन्हें अलग पहचान दिलाती है.
समाज सेवा और पशु प्रेम के लिए जाने जाते हैं नायडू
शांतनु नायडू की बात करें तो उन्हें भी रतन टाटा की तरह ही समाज सेवा करना बेहद पसंद है. साथ ही साथ शांतनु को पशुओं से अभी अथाह प्रेम है. उनके अंदर यही वो खूबियां है जो रतन टाटा को बेहद पंसद आई थी. शांतनु नायडू ने पशुओं की सेवा और खासतौर पर कुत्तों की सेवा के लिए मोटोपॉज नाम की एक संख्था भी बनाई है. यह संस्था सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों की मदद करती है.
पशुओं के प्रति प्रेम की वजह से हुई थी टाटा और नायडू की दोस्ती
रतन टाटा भी पशुओं के प्रति अपने प्रेम के लिए जाने जाते थे. शांतनु नायडू से उनकी दोस्ती की एक बड़ी वजह पशु प्रेम भी रहा था. रतन टाटा को शांतनु की संस्था मोटोपॉज का वह अभियान भी बेहद पसंद आया था जिसके तहत वह सड़क पर घूमने वाले जानवरों के लिए विशेष तौर पर डेनिम कॉलर बना और उन्हें पहना रहे थे. इन कॉलर में रिफ्लेक्टर लगा होता था, जिससे की रात के समय गाड़ी की लाइट उनपर पड़ते ही वाहन चालक को पता चल जाता था कि सामने कोई जानवर है. इस कॉलर की वजह से कई जानवर सड़क हादसे का शिकार होने से भी बच रहे हैं.
शांतनु की इसी नई सोच ने ही रतन टाटा का ध्यान उनकी तरफ खींचा था. इसके बाद रतन टाटा ने शांतनु को मुंबई बुलाया था. और यहीं से इन दोनों के बीच दोस्ती का जो सिलसिला शुरू हुआ वो रतन टाटा की आखिरी सांस तक बना रहा है.
आपको बता दें कि शांतनु अब रतन टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर के पद पर काम करते हैं. साथ ही साथ वह नए स्टार्टअप में निवेश को लेकर वह टाटा समूह को सलाह भी देते हैं. शांतनु एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और लेखक भी हैं.
2017 से टाटा ट्रस्ट से जुड़े हैं शांतनु
शांतनु जून 2017 से ही टाटा ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं. इसका जिक्र उन्होंने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल में भी किया है. कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए करने वाले शांतनु नायडू टाटा समूह में काम करने वाले अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं. टाटा ट्रस्ट में काम करने के अलावा शांतनु नायडू टाटा एलेक्सी में डिजाइन इंजीनियर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
इतने करोड़ के मालिक हैं शांतनु नायडू
अगर बात शांतनु नायडू की संपत्ति की करें को अलग-अलग जगह इसे लेकर अलग-अलग दावे किए गए हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शांतनु नायडू की कुल संपत्ति छह करोड़ रुपये के करीब है. उनके इस नेटवर्थ में रतन टाटा के साथ काम करने, मोटोपॉज के माध्यम से समाज सेवा और उनके द्वारा ऑनलाइन की गई कमाई भी शामिल बताई जाती है.
बुधवार की रात हुआ रतन टाटा का निधन
देश के जाने-मानें उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात को निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई के बीच कैंड अस्पताल में आखिरी सांसे ली. वह 86 वर्ष के थे.बताया जा रहा है कि रतन टाटा लंबे समय से बीमार चल रहे थे. रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रपति और पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
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