प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
रामनवमी पर जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल में दूसरे दिन भी हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं. खास तौर पर मुर्शिदाबाद और बर्द्धमान जिलों में संगठनों के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. पुलिस के अनुसार ऐसे ही एक झड़प में पुलिस टीम के ऊपर बम भी फेंका गया. इस घटना में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. ध्यान हो कि रविवार को पुरुलिया में एक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. राज्य में हो रही हिंसा के मद्देनजर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को कई स्थानों पर सरकारी प्रतिबंध की अनदेखी करते हुए सशस्त्र रैली निकाली. इस रैली के बाद ही हालात बिगड़े.गौरतलब है कि जुलूस के दौरान ऐसी ही हिंसा की खबरें मुर्शिदाबाद के कंडी इलाके से भी सामने आई. यहां पर रामनवमी जुलूस में हिस्सा लेने वाले लोगों ने तलवार और त्रिशूल से लैस होकर थाने में घुसने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने जमकर तोड़फोड़ भी की. इस घटना में 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
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राज्य में बिगड़े हालात को देखते हुए ही बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया था जो जुलूस के दौरान हथियार लेकर चल रहे थे. मुख्यमंत्री ने इस हिंसा को लेकर एक सभा में कहा कि कानून अपना काम करेगा. मैं इस तरह की हिंसा को कभी बर्दाश्त नहीं करूंगी. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करने में विफल रहती है तो उसके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनीश सरकार ने बताया कि समिति में भाजपा और विहिप के कार्यकर्ता शामिल थे. उन्होंने कंडी बस स्टैंड से राधाबल्लभ मंदिर तक सुबह तकरीबन साढ़े 11 बजे के करीब रैली आयोजित की थी. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई क्योंकि रैली में हिस्सा ले रहे कुछ लोगों ने थाना और उसके बाहर खड़े वाहनों पर पथराव किया. भीड़ का काबू करने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करना पड़ा. इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है.
VIDEO: तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर राजनीति गरमाई.
सोमवार को भाजपा नेता सुभाष मंडल ने हंगामे के लिए तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि हंगामा कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस के अज्ञात उपद्रवकारी रैली में शामिल हो गए. इसके पीछे हमारी छवि को खराब करना ही एकमात्र मकसद था. हालांकि इस मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है. इसके बाद ही इनकी गिरफ्तारी हो सकेगी. (इनपुट भाषा से)
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनीश सरकार ने बताया कि समिति में भाजपा और विहिप के कार्यकर्ता शामिल थे. उन्होंने कंडी बस स्टैंड से राधाबल्लभ मंदिर तक सुबह तकरीबन साढ़े 11 बजे के करीब रैली आयोजित की थी. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई क्योंकि रैली में हिस्सा ले रहे कुछ लोगों ने थाना और उसके बाहर खड़े वाहनों पर पथराव किया. भीड़ का काबू करने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करना पड़ा. इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है.
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सोमवार को भाजपा नेता सुभाष मंडल ने हंगामे के लिए तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आरोप लगाया कि हंगामा कराने के लिए तृणमूल कांग्रेस के अज्ञात उपद्रवकारी रैली में शामिल हो गए. इसके पीछे हमारी छवि को खराब करना ही एकमात्र मकसद था. हालांकि इस मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है. इसके बाद ही इनकी गिरफ्तारी हो सकेगी. (इनपुट भाषा से)
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