
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्ष 1996 से आपदाओं ने 3,17,000 लोगों की जान ली
उन्होंने कहा किआपदाओं के कारण 1. 6 करोड़ लोग विस्थापित भी हुए हैं.
गृहमंत्री ने कहा कि इन आपदाओं के कारण आर्थिक नुकसान भी हुआ है
यह भी पढें: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अमित शाह के बेटे पर लगे आरोप को निराधार बताया, कहा-जांच की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि इन आपदाओं में बिमस्टेक देशों में 1. 6 करोड़ से अधिक लोग बेघर हो गए और आर्थिक नुकसान भी काफी हुआ है. सम्मेलन में बिमस्टेक देशों - बांग्लादेश, भारत, म्यामांर, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल के प्रतिनिधि शरीक हुए. गृह मंत्री ने कहा आपदा से निपटने की बेहतर तैयारी से नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी और इस कोशिश में तथा इस दिशा में सभी बिमस्टेक राष्ट्रों ने पिछले दो दशकों में अहम प्रगति की है. विभिन्न राष्ट्रों की प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की चक्रवात से निपटने की तैयारी के कार्यक्रम को एक वैश्विक सर्वश्रेष्ठ कार्य के तौर पर मान्यता दी गई है, जबकि थाईलैंड में सुनामी चेतावनी प्रणाली ने तटीय इलाकों में बेहतर तैयारी की है.
यह भी पढें: राजनाथ सिंह ने कहा- आतंकवाद के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं जाली नोट
गृह मंत्री ने इस दिशा में भारत की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि नयी दिल्ली ने आपदा से मौतों और नुकसान को कम करने की दिशा में मजबूत कोशिश की है. सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत की नीतिगत कोशिशों और पूर्व चेतावनी क्षमता में वृद्धि, समय पूर्व तैयारी, प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास का सीधा नतीजा यह रहा है कि भारत फालिन और हुदहुद जैसे चक्रवातों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम रहा. उन्होंने आशा जताई कि आगामी तीन दिनों में संयुक्त कार्य पर जोर देने के अलावा प्रतिनिधियों के पास अपने देश का अनुभव साझा करने का अवसर होगा.
VIDEO: क्या प्रधानमंत्री की भी नहीं सुनते उनके मंत्री?
इस बीच, प्रथम बिमस्टेक आपदा प्रबंध अभ्यास आज दिल्ली - एनसीआर में शुरू हुआ जिसका लक्ष्य क्षेत्रीय समन्वय को मजबूत करने के लिए सदस्य देशों के बीच सर्वश्रेष्ठ उपायों को साझा करना है. यह अभ्यास तीन दिन चलेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं