
घटनास्थल पर पहुंची पुलिस
खास बातें
- राजस्थान के अलवर में एक बार फिर भीड़ ने की हत्या.
- गो-तस्करी के शक में अकबर नाम के शख्स की हत्या.
- मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना की निंदा की.
राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर से गोरक्षा के नाम पर भीड़ ने मौत के खूनी खेल को अंजाम दिया है. देश के अन्य इलाकों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बीच अलवर जिले के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि मृतक का नाम अकबर है. दरअसल, अकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें अकबर की मौत हो गई. यह घटना शुक्रवार रात की है और इस मामले की जांच की जा रही है. राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि 28 वर्षीय युवक के साथ की गई कथित मारपीट के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और तीन अन्य लोगों की पहचान कर ली गई है. उन्होंने बताया कि अकबर खान की हत्या के सिलसिले में आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात गो तस्करी के संदेह में की गई कथित हत्या की निंदा करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अलवर जिले में गोवंश को ले जा रहे व्यक्ति के साथ की गई कथित मारपीट निंदा योग्य है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
गोरक्षा के नाम पर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, संसद कानून बनाए, सज़ा का प्रावधान हो
बताया जा रहा है कि मृतक अकबर का साथी असलम किसी तरह भीड़ से बचकर भागने में कामयाब रहा. वे दोनों हरियाणा के मेव मुस्लिम बताए जा रहे हैं. हैरान करने वाली बात है कि यह मामला ऐसा वक्त में आया है जब राजस्थान सरकार कह रही है कि मॉब लिंचिंग के लिए अलग से हमें किसी कानून की जरूरत नहीं है.
अलवर के एएसपी अनिल बैजल ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे लोग गो तस्कर थे. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. हम लोग दोषियों को शिनाख्त करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी.#SpotVisuals: A man named Akbar was allegedly beaten to death by mob in Alwar's Ramgarh last night on suspicion of cow smuggling, police investigation underway #Rajasthanpic.twitter.com/Vg8X4KBdDB
— ANI (@ANI) July 21, 2018
वहीं, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कारर्वाई की जाएगी.
पुलिस महानिरीक्षक (जयपुर रेंज) हेमंत प्रियदर्शी ने संवाददाताओं को बताया कि भीड़ द्वारा की गई मारपीट में शामिल दो आरोपियों धर्मेन्द्र यादव और परमजीत सिंह सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित के अंतिम बयान के अनुसार उसके साथ मारपीट में पांच लोग शामिल थे. उन्होंने कहा कि मारपीट में शामिल अन्य लोगों को शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आरोपियों ने मृतक अकबर खान और उसके दोस्त असलम के साथ उस समय मारपीट की जब वे लाडपुर गांव से खरीदी गई गायों को लेकर हरियाणा के नूह जिले के कोलगांव लेकर जा रहे थे.
उन्होंने कहा कि घटनास्थल से भाग गये मृतक के साथी असलम का बयान अभी तक दर्ज नहीं किया गया है. प्रियदर्शी ने बताया कि एक गौशाला से दो गायें बरामद की गई हैं और अकबर खान का पोस्टमार्टम जारी है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच के अनुसार खान की मौत पिटाई से अंदुरूनी चोट के कारण हुई है. मृतक और उसके साथी असलम का पूर्व में गाय की तस्करी संबंधी कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. खान के परिजनों ने हत्या में शामिल आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है. मृतक के पिता सुलेमान खान ने कहा कि ''हमें न्याय चाहिए, आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.''
केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भीड़ द्वारा की गई मारपीट निंदा योग्य है. यह कोई पहली घटना नहीं है. 1984 में सिखों के साथ भीड़ द्वारा जो मारपीट की गई थी वह अब तक सबसे बड़ी घटना थी. अलवर जिले में ताजा मारपीट की घटना से विपक्ष को एक और मुद्दा मिल गया है. विपक्ष ने सरकार पर भीड़ द्वारा मारपीट की घटना को नियंत्रण नहीं रखने के लिये आड़े हाथों लिया है.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे बहुत आश्यर्चजनक, भयानक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है. गहलोत ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की चेतावनी और दिशा निर्देश के बावजूद अलवर में एक आदमी के साथ भीड़ ने मारपीट की. मैं कड़े शब्दों में अकबर खान की मौत की निंदा करता हूं.’’ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भीड़ द्वारा मारपीट की घटना के लिये भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया है उन्होंने कहा, ‘‘अलवर में एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा की गई मारपीट से हुई मौत की खबर से मुझे दुख हुआ है. भाजपा शासित राज्यों में संदेह पर लोगों द्वारा मारपीट कर लोगों की हत्या किया जना आम बात हो गई है.’’
पायलट ने कहा कि ससंद में शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री ने भीड द्वारा मारपीट की घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की बताई थी. लेकिन वह बात भी खोखली दिखाई दे रही है. पुलिस ने बताया कि अकबर खान अपने एक अन्य साथी असलम के साथ दो गायों को लेकर हरियाणा स्थित अपने गांव जा रहा था, जब वह लालावंडी गांव से होकर गुजर रहा था तो कुछ अज्ञात लोगों के एक समूह ने गो तस्कर के संदेह में उनकी बुरी तरह से पिटाई कर दी. खान को रामगढ़ के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
गोरक्षा के नाम पर मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के महज चार दिन बाद आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते में केंद्र और राज्यों को लागू करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोई नागरिक अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता. ये राज्य सरकारों का फर्ज है कि वो कानून व्यस्था बनाये रखें. कोर्ट ने कहा कि संसद इसके लिए कानून बनाए, जिसके भीड़ द्वारा हत्या के लिए सजा का प्रावधान हो.
परिवार की गुजर-बसर और इंसाफ के लिए संघर्ष कर रहा पहलू खान का बेटा
गोरक्षा के नाम पर मौत के मामले में सुनवाई के दौरान CJI दीपक मिश्रा ने कहा था कि मॉब लिंचिंग जैसी हिंसा की वारदातें नहीं होनी चाहिए चाहे कानून हो या नहीं. कोई भी ग्रुप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता. ये राज्यों का दायित्व है कि वो इस तरह की वारदातें न होने दें.
बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में ही साल भर पहले कथित तौर पर गौरक्षकों के हाथों पहलू खान की भी हत्या कर दी गई थी. पिछले साल एक अप्रैल को पहलू खान मवेशियों को लेकर जा रहे थे जब संदिग्ध गौरक्षकों ने जमकर उसकी पिटाई की थी. दो दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान वह चल बसा.
VIDEO: राजस्थान में गोरक्षकों ने गाय ले जा रहे कुछ लोगों पर किया हमला, 1 की मौत