बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) की राजस्थान और मध्यप्रदेश की काग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की 'धमकी' देने के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि उनकी सरकार दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा करेगी. बता दें कि एक दिन पहले ही मायावती ने 2 अप्रैल को हुए भारत बंद (Bharat Bandh) के दौरान राजस्थान और मध्यप्रेदश में दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मामलों को वापस लेने के लिए कहा था. मायावती ने 'धमकी' भरे अंदाज में कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो बसपा इन दोनों राज्यों की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेगी.
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मायावती की मांग पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह मांग स्वाभाविक है और इसकी समीक्षा की जाएगी. गहलोत ने कहा, 'मायावती की मांग स्वाभाविक है. दलितों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और उनमें से कितने दोषी हैं यह जांच का मामला है. कई बार निर्दोषों के खिलाफ भी मामले हो जाते हैं. वह अपनी सोच में सही हो सकती हैं और सरकार इस पर विचार करते हुए मामलों की वरीयता के आधार पर समीक्षा करेगी.' उन्होंने कहा, 'निर्दोष नहीं फंसने चाहिए.' गहलोत ने कहा कि देश, राज्य, जिला एवं गांव स्तर पर विधि का शासन होना चाहिए.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुकदमों की समीक्षा करेगी सरकार.
हालांकि कि कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा है कि 'मायावती ने धमकी नहीं दी है. उन्होंने समझाया है कि दलितों के खिलाफ केसों को लेकर दबाव बनाना जरूरी है.' वडक्कन ने कहा है कि 'हम दलितों के खिलाफ पहले ही मामलों की समीक्षा कर रहे हैं. कानूनी प्रक्रिया में समय लगता है. समस्या को सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जमीनी सच्चाई देखने के बाद सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व लेगा. यह तो घर की ही बात है.'
बता दें कि बसपा की मांग है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकार 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान दोनों राज्यों में दर्ज मुकदमे वापस ले. बसपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों को समर्थन पर दोबारा विचार करेगी. उन्होंने कांग्रेस सरकारों को धमकी देते हुए कहा, 'अगर कांग्रेस की नई सरकारों ने अविलंब उचित कार्रवाई नहीं की तो फिर बसपा को वहां की कांग्रेस सरकारों (मध्यप्रदेश व राजस्थान) को बाहर से समर्थन देने के मामले में पुनर्विचार करना पड़ सकता है.'
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन जारी रखने के लिए BSP प्रमुख मायावती ने रखी यह शर्त
मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया, 'एससी/एसटी कानून 1989 व सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर 2 अप्रैल को किए गए 'भारत बंद' के दौरान उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में से मध्यप्रदेश व राजस्थान में जातिगत और राजनीतिक द्वेष की भावना के तहत कार्रवाई की गई थी और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था.' उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश और राजस्थान की नई कांग्रेस सरकारों को निर्दोष लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेना चाहिए और मुकदमों को खत्म करना चाहिए.
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस से सीटों को लेकर बात न बन पाने के बाद बीएसपी विधानसभा चुनावों में अकेले उतरी थी. बसपा को मध्यप्रदेश में दो और राजस्थान में 6 सीटों पर जीत मिली थी. बाद में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में बीएसपी ने दोनों राज्यों में समर्थन देने के ऐलान किया था.
VIDEO: मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन जारी रखने के लिए मायावती की शर्त
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