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This Article is From Sep 03, 2022

NCRB आंकडों का गलत विश्लेषण कर राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास : अशोक गहलोत

गहलोत ने कहा, “हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. सबसे अधिक हिरासत में मौत गुजरात में हुईं हैं. नाबालिगों से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है.”

NCRB आंकडों का गलत विश्लेषण कर राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास : अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा कि हत्या एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. (फाइल )
जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को कहा कि राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (National Crime Records Bureau) 2021 की एक रिपोर्ट के बाद राजस्थान को ‘बदनाम' करने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 व 2021 के बीच के आंकड़ों में तुलना करना उचित होगा क्योंकि 2020 में लॉकडाउन रहा. गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में हर मामले में प्राथमिकी दर्ज करना जरूरी है और इसके बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब पांच प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि मध्यप्रदेश हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं. 

उन्होंने दावा किया, “गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. सबसे अधिक हिरासत में मौत गुजरात में हुईं हैं. नाबालिगों से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है.”

गहलोत ने कहा, “यह हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा है कि जहां 2017-18 में बलात्कार के मामलों की जांच में 274 दिन का समय लगता था जो अब केवल 68 दिन रह गया है. पॉक्सो के मामलों में जांच में औसत समय 2018 में 232 दिन था जो अब 66 दिन रह गया है.”

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पुलिस द्वारा हर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है एवं सरकार पूरी तरह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी रहती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत के आदेशों पर प्राथमिकी दर्ज करने की संख्या में काफी गिरावट आई है.

उन्होंने कहा, “यह चिंता का विषय है कि कुछ लोगों ने हमारी सरकार की प्राथमिकी के अनिवार्य पंजीकरण की नीति का दुरुपयोग किया है एवं झूठी प्राथमिकी भी दर्ज करवाईं.”

गहलोत ने कहा कि झूठी प्राथमिकी दर्ज करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है एवं आगे भी की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 28.6 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि अन्य चिंता का विषय यह भी है कि यौन अपराधों के करीब 90 प्रतिशत मामलों में आरोपी एवं पीड़ित दोनों एक दूसरे के पूर्व परिचित होते हैं.

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