फाइल फोटो
बूंदी (राजस्थान):
राजस्थान सरकार ने मातृ मृत्यु दर के आकड़ों की जानकारी रखने के लिहाज से राज्य में बच्चे के जन्म के समय हुई मां की मृत्यु की सूचना देने वाले को 200 रुपये के रिचार्ज का इनाम देने की घोषणा की है।
बूंदी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुरेश जैन ने कहा कि 'बच्चे के जन्म के समय या जन्म के 42 दिनों के अंदर मां की मृत्यु होने की जानकारी देने वाले को 200 रुपये का मोबाइल रिचार्ज इनाम के रूप में दिया जाएगा।
मातृ मृत्यु दर के आकड़े कभी-कभी या तो दर्ज नहीं किए जाते थे या इसकी सही जानकारी सरकार के पास नहीं होती। उम्मीद है कि रिचार्ज रूपी प्रोत्साहन के चलते एमएमआर के अधिक आकड़े मुहैया हो पाएंगे।
सरकार ने यह कदम बच्चे के जन्म के समय होने वाली मां की मृत्यु के कारणों को जानने और उसमें सुधार करने के मकसद से उठाया है।
इस बीच बूंदी में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव लोचन ने बताया कि बूंदी समेत राज्य के 10 जिलों को मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के मामले में उच्च जोखिम क्षेत्र घोषित किया गया है।
लोचन के अनुसार राज्य में हर साल एक लाख में से 208 और 1000 पर 48 के करीब मांओ की मौत प्रसव के दौरान हो जाती है। जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत मामले इन जिलों के है।
हालांकि पिछले एक साल में इन आकड़ों में सुधार दर्ज किया गया है। इस साल मां मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के आकड़े क्रमश: 222 और 65 रहे जो पिछले साल के आकड़ों की तुलना में कम है।
बूंदी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुरेश जैन ने कहा कि 'बच्चे के जन्म के समय या जन्म के 42 दिनों के अंदर मां की मृत्यु होने की जानकारी देने वाले को 200 रुपये का मोबाइल रिचार्ज इनाम के रूप में दिया जाएगा।
मातृ मृत्यु दर के आकड़े कभी-कभी या तो दर्ज नहीं किए जाते थे या इसकी सही जानकारी सरकार के पास नहीं होती। उम्मीद है कि रिचार्ज रूपी प्रोत्साहन के चलते एमएमआर के अधिक आकड़े मुहैया हो पाएंगे।
सरकार ने यह कदम बच्चे के जन्म के समय होने वाली मां की मृत्यु के कारणों को जानने और उसमें सुधार करने के मकसद से उठाया है।
इस बीच बूंदी में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव लोचन ने बताया कि बूंदी समेत राज्य के 10 जिलों को मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के मामले में उच्च जोखिम क्षेत्र घोषित किया गया है।
लोचन के अनुसार राज्य में हर साल एक लाख में से 208 और 1000 पर 48 के करीब मांओ की मौत प्रसव के दौरान हो जाती है। जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत मामले इन जिलों के है।
हालांकि पिछले एक साल में इन आकड़ों में सुधार दर्ज किया गया है। इस साल मां मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर के आकड़े क्रमश: 222 और 65 रहे जो पिछले साल के आकड़ों की तुलना में कम है।
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