रेलवे का दावा है कि पिछले 11 महीनों में हुए रेल हादसों में एक भी यात्री की जान नहीं गई है.
खास बातें
- रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा दावा किया है
- पिछले 11 महीनों में रेल हादसों में एक भी यात्री के न मारे जाने का दावा
- रेल में सुरक्षा को लेकर अक्सर उठते रहे हैं सवाल
नई दिल्ली: रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में जबरदस्त सुरक्षा मानक स्थापित होने का दावा किया है. दावा है कि 1 अपैल, 2019 से लेकर 24 फरवरी, 2020 के बीच किसी भी रेल दुघर्टना में एक भी रेल यात्री की मौत नहीं हुई. रेलवे के मुताबिक भारतीय रेल ने यह शानदार उपलब्धि रेलवे के 166 साल के इतिहास में पहली बार हासिल की है. मंत्रालय के अनुसार यह रेलवे कर्मचारियों के अथक परिश्रम और सुरक्षा मानकों में लगातार सुधार का ही नतीजा है कि रेलवे में 11 महीनों में यह कीर्तमान स्थापित किया है. रेलवे का कहना है कि उनके लिए यात्रियों की सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि रही है.
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रेलवे ने कहा है कि 1 अप्रैल, 2019 से 24 फरवरी, 2020 के बीच रेल दुर्घटनाओं में किसी भी यात्री की जान नहीं गई. इसकी मुख्य वजह रेलवे द्वारा उठाए गए अनेक कदमों को जाता है. इसमें से रखरखाव के लिए मेगा ब्लॉक बनाना, आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल, मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करना, रेलवे का सिग्नलिंग सिस्टम दुरुस्त करने जैसे कई उपाय शामिल हैं.
गौरतलब है कि रेलवे दुर्घटना में ट्रेन का टक्कर होना, गाड़ी पटरी से उतरना, आग लगना जैसी घटनाएं शामिल हैं. रेलवे ने दावा किया है लगातार आईसीएफ कोच की जगह एलबीएच कोच लगाए जा रहे हैं, जिस वजह से भी सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी हुई है.
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रेलवे के मुताबिक, यह तमाम सुधार रेलवे सुरक्षा कोश की वजह से हुआ है जो वर्ष 2017-18 में बनाया गया, जिसमें एक लाख करोड़ की राशि रखी गई थी, ताकि रेलवे का समुचित विकास और सुरक्षा सुनिश्चित हो.
रेलवे ने बताया कि इस कोष के तहत रेलवे ने सबसे पहले अत्यधिक महत्वपूर्ण समझे जाने वाले कामों को निपटाया, जिससे यह अपेक्षित सुधार दिखाई पड़ा है.
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