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रेलवे ने टिकट बुकिंग के इमरजेंसी कोटा नियमों में किया बड़ा बदलाव, आम यात्रियों को होगा ये फायदा

रेल मंत्रालय ने हाल ही में फैसला किया था कि ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए अब इमरजेंसी कोटा से जुड़ी बुकिंग की टाइमिंग में बदलाव किया गया है.

  • रेलवे ने 8 घंटे पहले चार्ट बनाने के फैसले के बाद अब इमरजेंसी कोटे के बुकिंग नियमों में बदलाव किया है.
  • इमरजेंसी कोटा वीआईपी, मेडिकल इमरजेंसी वाले यात्रियों या रेलवे कर्मचारियों के लिए होता है.
  • इमरजेंसी कोटे की बुकिंग के लिए अब आवेदन जल्दी देना होगा. इससे चार्ट बनाने में होने वाली देरी कम होगी.
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नई दिल्ली:

रेलवे ने टिकट बुकिंग के इमरजेंसी कोटा (EQ) के नियमों में बदलाव किया है. अब EQ टिकट के लिए आपको थोड़ा पहले रिक्वेस्ट भेजनी होगी. रेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है कि अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी कोटा से जुड़ी बुकिंग की टाइमिंग भी बदल दी गई है. आइए बताते हैं नया नियम क्या है और इसका आपकी रेल यात्रा पर क्या असर पड़ेगा.

क्या होता है इमरजेंसी कोटा?

अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं और कभी इमरजेंसी कोटे की सीट लेने की सोचते हैं तो यह खबर आपके काम की है. रेलवे ने इमरजेंसी कोटा यानी EQ के नियमों में बदलाव किया है. पहले ये जानिए कि इमरजेंसी कोटा होता क्या है. रेलवे हर ट्रेन में कुछ सीटें आखिरी समय के लिए रिजर्व रखता है. ये सीटें खास लोगों जैसे कि VIP, मेडिकल इमरजेंसी वाले यात्रियों या फिर रेलवे कर्मचारियों के लिए होती हैं. लेकिन कई बार इनका गलत इस्तेमाल होता था, जिसे रोकने के लिए रेलवे ने अब नियम सख्त कर दिए हैं. 

रेलवे ने नए नियम क्या बनाए?

रेलवे ने हाल ही में फैसला किया है कि ट्रेन का रिजर्वेशन चार्ट अब 8 घंटे पहले तैयार होगा. अब ऐलान किया गया है कि इमरजेंसी कोटे में टिकट बुक कराने की रिक्वेस्ट भी पहले भेजनी होगी. इस कैटेगरी में अगर टिकट बुक कराना है तो इसके लिए एक दिन पहले रिक्वेस्ट भेजनी होगी. अगर ट्रेन रात 12 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच है तो रिक्वेस्ट एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक देनी होगी. अगर ट्रेन दोपहर 2 बजे से रात 12 बजे के बीच है, तो रिक्वेस्ट एक दिन पहले शाम 4 बजे तक भेजनी होगी. मतलब जिस दिन ट्रेन है, उस दिन रिक्वेस्ट भेजने का कोई फायदा नहीं होगा. 

नियमों में ये बदलाव क्यों?

सवाल है कि रेलवे ने ये बदलाव क्यों किए? दरअसल इस कैटेगरी के लिए रेलवे को रोजाना ढेर सारी रिक्वेस्ट मिलती हैं. अगर ये रिक्वेस्ट टाइम पर नहीं आतीं तो चार्ट बनाने में देरी होती है. इससे ट्रेन का शेड्यूल बिगड़ता है और आम यात्रियों को दिक्कत होती है. इसलिए रेलवे ने समयसीमा तय कर दी है ताकि सारा काम सुचारु रूप से हो और ट्रेनें टाइम पर चल सकें.

आम यात्रियों को होगा ये फायदा

वैसे तो ये नियम वीआईपी, रेलवे कर्मचारियों और मेडिकल इमरजेंसी के लिए है, लेकिन इसका आम यात्रियों पर भी असर पड़ेगा. इसे कुछ इस तरह समझिए कि जब तक चार्ट नहीं बनता, लोगों को ये पता नहीं चल पाता कि उनकी वेटिंग की टिकट कन्फर्म हुई है या नहीं. इसी समस्या को देखते हुए रेलवे ने 8 घंटे पहले चार्ट बनाने का फैसला किया था. इसी कड़ी में अब इमरजेंसी कोटे की समयसीमा में भी बदलाव किया गया है. 

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