पीएम मोदी से गले मिलते राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पीएम मोदी से गले मिलना अभी भी लोगों के जहन से मिटा नहीं है. संसद के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब राहुल गांधी भाषण देते वक्त अचानक पीएम मोदी से जाकर गले मिले, तो लोगों को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि आखिर संसद में यह अचानक हुआ कैसे? मगर सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के जिस गले मिलने वाले प्रकरण की चर्चा चहुंओर हो रही है, उसके इंतजार में राहुल गांधी करीब कई महीनों से थे. दरअसल, शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी के गले मिलने वाली घटना ने मीडिया में काफी लाइमलाइट पाया था. मगर सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी का यह फैसला त्वरित और स्वत: स्फूर्त नहीं था, बल्कि इसकी ताक में वह काफी पहले से थे. राहुल गांधी करीब तीन महीने से इस पल का इंतजार कर रहे थे कि पीएम मोदी को कैसे सार्वजनिक तौर पर गले लगाया जाए और एक खास तरह का संदेश दिया जाए.
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दरअसल, इसके पीछे वजह बताई जा रही है, वह यह है कि राहुल गांधी ने संसद में पीएम मोदी के दिये भाषणों में अपने प्रति, मां सोनिया गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ गुस्सा और घृणा को महसूस किया था. यही वजह है कि राहुल गांधी इसका बदला एक ऐसे तरीके से लेना चाहते थे, जिससे वह एक संदेश दे पाएं कि वह प्यार करने वाले हैं और बीजेपी नफरत फैलाने वाली पार्टी.
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी को गले लगाने का आइडिया करीब तीन-चार महीने पहले राहुल गांधी को आया, जब वह पीएम मोदी को गांधी परिवार, मां सोनिया गांधी की आलोचना करते सुने थे. यही वजह है कि पीएम मोदी के इस क्रोध, आलोचना और घृणा को काउंटर करने के लिए राहुल ने यह तरीका अपनाया. राहुल गांधी ने सोचा कि सार्वजनिक तौर पर प्यार का प्रदर्शन करना ही पीएम का बेहतर काउंटर होगा.
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यही वजह है कि जब राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में संसद में अपना भाषण दे रहे थे, तब वह पीएम मोदी के पास गये और उन्हें गले लगाया. हालांकि, इस दौरान पीएम मोदी सहित सदन में मौजूद सभी सदस्य अचंभित रह गये. इसके बाद गले मिलने की घटना सोशल मीडिया पर खूब छाया. इस दौरान संसद में राहुल गांधी ने कहा कि आप मुझे गालियां दें, मुझे पप्पू कह लें, गुस्सा और घृणा करें, मगर मैं आपसे नफरत नहीं करूंगा. मैं कांग्रेस हूं और मैं आपके भीतर से नफरत और घृणा को निकाल फेंकूंगा..
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दरअसल, इसके पीछे वजह बताई जा रही है, वह यह है कि राहुल गांधी ने संसद में पीएम मोदी के दिये भाषणों में अपने प्रति, मां सोनिया गांधी और गांधी परिवार के खिलाफ गुस्सा और घृणा को महसूस किया था. यही वजह है कि राहुल गांधी इसका बदला एक ऐसे तरीके से लेना चाहते थे, जिससे वह एक संदेश दे पाएं कि वह प्यार करने वाले हैं और बीजेपी नफरत फैलाने वाली पार्टी.
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी को गले लगाने का आइडिया करीब तीन-चार महीने पहले राहुल गांधी को आया, जब वह पीएम मोदी को गांधी परिवार, मां सोनिया गांधी की आलोचना करते सुने थे. यही वजह है कि पीएम मोदी के इस क्रोध, आलोचना और घृणा को काउंटर करने के लिए राहुल ने यह तरीका अपनाया. राहुल गांधी ने सोचा कि सार्वजनिक तौर पर प्यार का प्रदर्शन करना ही पीएम का बेहतर काउंटर होगा.
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यही वजह है कि जब राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में संसद में अपना भाषण दे रहे थे, तब वह पीएम मोदी के पास गये और उन्हें गले लगाया. हालांकि, इस दौरान पीएम मोदी सहित सदन में मौजूद सभी सदस्य अचंभित रह गये. इसके बाद गले मिलने की घटना सोशल मीडिया पर खूब छाया. इस दौरान संसद में राहुल गांधी ने कहा कि आप मुझे गालियां दें, मुझे पप्पू कह लें, गुस्सा और घृणा करें, मगर मैं आपसे नफरत नहीं करूंगा. मैं कांग्रेस हूं और मैं आपके भीतर से नफरत और घृणा को निकाल फेंकूंगा..
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