Special Intensive Revision
- राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को इस मुद्दे पर घेरा और कहा कि हमने चोरी पकड़ी
- महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी ऐसी ही गड़बड़ी का आरोप कांग्रेस नेता ने लगाया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने बुधवार को संसद परिसर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा, महाराष्ट्र में इन्होंने चीटिंग की. हमने चुनाव आयोग से सवाल पूछे कि वोटर लिस्ट दिखाइए, इन्होंने मतदाता सूची नहीं दिखाई. हमने कहा, वीडियोग्राफी दिखा दीजिए, लेकिन इन्होंने वीडियोग्राफी का कानून ही बदल दिया. महाराष्ट्र में एक करोड़ नए वोटर आए थे. इन्होंने इलेक्शन चोरी किया. कर्नाटक में हमने थोड़ी रिसर्च की है. इन्हें भयंकर चोरी है. कर्नाटक में ब्लैक एंड व्हाइट में आपको दिखाऊंगा कि कैसे चोरी की जाती है. चुनाव आयोग को दिखाऊंगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, इनको पता लग गया है कि हम इनका गेम समझ गए हैं. हमने एक सीट चुनी और उसमें गहन तहकीकात की. ये मतदाता सूची कागज में देते हैं, लेकिन जो पेपर में वोटर लिस्ट दी जाती है, उसका विश्लेषण नहीं किया जा सकता. हमने एक संसदीय सीट की पूरी की पूरी वोटर लिस्ट ली. उसको डिजिटल प्रारूप में बदला. इसमें हमें छह महीने लगे, लेकिन हमने इनका पूरा का पूरा सिस्टम निकाल लिया है.
राहुल गांधी ने कहा, ये कैसे करते हैं. वोट कैसे होता है, कहां से वोट होता है, कैसे नए वोटर बनते हैं. अब इन्होंने बिहार का पूरा का पूरा सिस्टम नए तरीके से करेंगे. वोटर डिलीट करेंगे और नए तरीके से तैयार करेंगे. हिन्दुस्तान में इलेक्शन चोरी किए जा रहे हैं और देश की हकीकत है. राहुल गांधी पहले ही महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा चुके हैं.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के जरिये मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहा है. विपक्ष चुनाव के कुछ महीनों पहले ऐसे अभियान को लेकर टाइमिंग का सवाल उठा रहा है. संसद में भी इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार आक्रामक तैयारी में जुटा है. बिहार विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर तीखा हमला बोला है. तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने 2003 के बाद ऐसा अभियान चला रहा है. इसमें बड़े पैमाने पर नाम हटाने की बात कही गई है तो क्या इस बीच हुए चुनाव फर्जी थे.
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