इज़रायली स्पाइवेयर 'पेगासस' का इस्तेमाल कर भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की खबर सामने आने के बाद सियासी हलचल मचा हुआ है. दरअसल व्हाट्सऐप के अधिकारियों ने NDTV को बताया कि इस हफ्ते उनकी ओर से कई भारतीयों को कहा गया है कि एक इजरायली 'स्पाइवेयर' ने व्हाट्सऐप के जरिए उनकी जासूसी की है. इनमें भारतीय पत्रकार, एक्टिविस्ट शामिल हैं. इनकी जासूसी मई के महीने में की गई है. इस खबर आने क बाद सरकार की तरफ से भी बयान जारी हुआ. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi shankar Prasad) ने कहा कि भारत सरकार व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर भारत के नागरिकों के निजता के उल्लंघन पर चिंतित है. हमने व्हाट्सऐप से ये बताने को कहा है कि किस तरह का उल्लंघन हुआ और वो करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा किस तरह कर रही है. इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी सरकार पर तंज कसा और इसका 'राफेल एंगल' निकाल लिया.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'सरकार ने वॉट्सऐप से पूछा है कि भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए 'पेगासस' को किसने खरीदा है, यह ठीक वैसे ही है जैसे मोदी का दसॉल्ट से यह पूछना कि राफेल लड़ाकू विमानों की डील पर किसने पैसे कमाए!'
Government of India is concerned at the breach of privacy of citizens of India on the messaging platform Whatsapp. We have asked Whatsapp to explain the kind of breach and what it is doing to safeguard the privacy of millions of Indian citizens. 1/4 pic.twitter.com/YI9Fg1fWro
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 31, 2019
बता दें कि जासूसी की खबर सामने आने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने व्हॉट्सऐप से ये बताने को कहा है कि किस तरह का उल्लंघन हुआ और वो करोड़ों भारतीयों की निजता की सुरक्षा किस तरह कर रही है. भारत सरकार अपने सारे नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. सरकारी एजेंसियों का एक तय प्रोटोकॉल है जिसके तहत फ़ोन सुने जा सकते हैं. उनकी इजाज़त और निगरानी केंद्र और राज्य सरकार के आला अफ़सर राष्ट्रहित के लिए ही कर सकते हैं. जो लोग इसका सियासी फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें याद दिलाने की ज़रूरत है कि यूपीए के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के दफ़्तर में और सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के यहां जासूसी की गई थी. ये ऊंचे ओहदों पर तैनात लोगों की जासूसी एक परिवार के लिए थी.
प्राइवेसी के उल्लंघन को लेकर सरकार चिंतित, रविशंकर प्रसाद ने WhatsApp से मांगा जवाब, कहा...
बता दें कि मंगलवार को ही व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी फेसबुक की ओर से इजरायल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है कि उसने व्हाट्सऐप के सर्वर का इस्तेमाल कर 1400 यूजरों को यह मॉलवेयर फैलाया है, जिसके जरिए उसने जासूसी की है. इनमें 20 देशों के पत्रकार, सरकार के उच्चाधिकारी, मानवाधिकार एक्टिविस्ट शामिल हैं. भारत में WION टीवी के पत्रकार सिद्धांत सिब्बल ने ट्वीट कर बताया है कि उनसे भी व्हाट्सऐप की ओर से संपर्क किया गया है.
WhatsApp ने NDTV से कहा, कई भारतीयों की इजराइली 'स्पाइवेयर' के जरिए की गई जासूसी!
कैसे काम करता है यह स्पाईवेयर
इस स्पाईवेयर का नाम Pegasus है. जैसी ही आपको कई वीडियो कॉल करता है तो साइबर हमला करने वाला शख्स एक कोड जारी करता है जिसके जरिए यह आपके फोन में इंस्टॉल हो जाता है. भले ही वीडियो कॉल को आपने रिसीव न किया हो. फोन में इंस्टॉल होने के बाद इसके जरिए आपके फोन, कॉल, वाइस कॉल, पासवर्ल्ड, कॉन्टेक्ट लिस्ट, कलेंडर इवेंट, माइक्रोफोन, कैमरे तक की डिटेल आसानी से पाई जा सकती है.
VIDEO: वाट्सएप कॉल में सेंध, पत्रकारों के फोन हुए हैक
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