अगले महीने भारतीय एयरफोर्स में शामिल हो रहे हैं राफेल लड़ाकू विमान. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
भारतीय एयरफोर्स में अगले महीने शामिल हो रहे बहुचर्चित राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jets) का पहला बैच बुधवार को भारत पहुंच रहा है. दुनिया का सबसे ताकतवर फाइटर जेट (Powerful Jets in the World) माना जाने वाला राफेल विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता को अगले स्तर पर ले जा सकता है. राफेल अपनी मारक क्षमता के लिए जाना जाता है, ऐसे में वायुसेना में इस विमान के बेड़े को शामिल किया जाना बहुत अहम है. लेकिन आम उत्सुकता का विषय है कि आखिर राफेल कितना ताकतवर है और वायुसेना की क्षमता को किस स्तर तक बढ़ाएगा.
जानें, राफेल की खूबियां
- राफेल को दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता है. राफेल सैकड़ों किलोमीटर तक अचूक निशाना लगा सकता है.
- सूत्रों का कहना है कि राफेल में जो हवा से हवा में और हवा से जमीन में निशाना लगाने की क्षमता है, वैसी क्षमता फिलहाल चीन और पाकिस्तान दोनों की ही वायुसेना के किसी एयरक्राफ्ट में नहीं है, जिसके चलते भारत इन दोनों देशों से कहीं आगे है.
- राफेल में बिल्ड की गई मिसाइलें इसे सबसे अलग लड़ाकू विमान बनाती हैं. राफेल में लगी है मीटियॉर मिसाइल. मीटियॉर मिसाइल हवा से हवा में मार कर सकती है. इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर है, यानी यह मिसाइल 150 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन पर भी अचूक निशाना लगा सकती है. इसका मतलब है कि राफेल बिना देश की सीमा पार किए ही दुश्मन के विमान को ढेर कर सकता है.
- राफेल में दूसरी मिसाइल है- स्काल्प मिसाइल. स्काल्प की मारक क्षमता 600 किलोमीटर की, यानी मीटियॉर से कहीं ज्यादा, है. स्काल्प मिसाइल के जरिए राफेल इतनी दूर बैठे दुश्मन पर निशाना लगा सकता है. स्काल्प अपनी अचूक मारक क्षमता के लिए जाना जाता है.
- तीसरी मिसाइल जिसकी, बात हो रही है, वो है हैमर मिसाइल. भारतीय वायुसेना ने इस लड़ाकू विमान की क्षमता को बढ़ाने के लिए फ्रांस से हैमर मिसाइल भी खरीद रहा है. अभी इस मिसाइल के लिए ऑर्डर प्रोसेस किया जा रहा है. चीन के साथ विवाद के बीच भारत ने यह फैसला लिया है.
- हैमर मिसाइल की मारक क्षमता 60-70 किलोमीटर है. HAMMER (Highly Agile Modular Munition Extended Range) एक मीडियम रेंज का हवा से जमीन में मार कर सकने वाली मिसाइल है. इसे फ्रांस की एयरफोर्स और नेवी के लिए डिज़ाइन और डेवलप किया गया था.
- हालांकि, बता दें कि इस साल फरवरी में वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आरके एस भदौरिया ने कहा था कि मीटियॉर मिसाइल से युक्त राफेल लड़ाकू विमान भारत की वायु क्षमताओं को बढ़ाएंगे लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि 36 राफेल विमान भारतीय वायुसेना की जरूरत पूरी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा था, ‘36 राफेल विमान अकेले वायु सेना की जरूरत को पूरा नहीं करेंगे. हमें वायु शक्ति के बेहतर प्रयोग के लिए सुखोई 30 विमानों पर स्वदेश निर्मित अस्त्र मिसाइल तथा मिग-29 जैसे अन्य लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करने की क्षमता की जरूरत है.'
- बता दें कि भारत ने फ्रांस से राफेल डील के तहत 36 विमान खरीदे हैं. इनमें से पहले पांच विमान बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर आ रहे हैं. बाकी विमानों को फ्रांस में ही ट्रेनिंग के उद्देश्य से रखा जाएगा. पूरे के पूरे 36 विमान 2022 के पहले भारत को डिलीवर कर दिए जाएंगे.