कांग्रेस से इस्तीफा देने वालीं राधिका खेड़ा (Radhika Kheda) ने नई दिल्ली में पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. राधिका ने आरोप लगाया कि उसके साथ बंद कमरे में बदतमीजी हुई, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. उन्होंने राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी सभी से मदद की गुहार लगाई थी. हालांकि, राधिका का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगी और आरोपियों को सजा दिलाएंगी.
"मुझसे लगातार बदसलूकी की गई"
बंद कमरे में अपने साथ हुई बदतमीजी का जिक्र करते हुए राधिका खेड़ा ने कहा, "हमेशा से सुनती रही कि कांग्रेस सनातन विरोधी है. मैं कभी इस पर यकीन नही करती थी. जब मैं रामलला के दर्शन करने गई, तो सच्चाई सामने आ गई. मैं अपनी मां को अयोध्या लेकर गई और राम मय हो गई. ध्वज लगाया तो कांग्रेस के लोग विरोध में आ गए. मुझे हर जगह अपमानित किया जाने लगा. मेरे चरित्र पर सवाल उठाया जाने लगा. जब छत्तीसगढ़ गई, तो वहां के मीडिया प्रमुख शराब ऑफर करने लगे. सचिन पायलट और जयराम रमेश को यह बात भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बताई. 30 तारीख को छत्तीसगढ़ पार्टी मुख्यालय में सुशील आनंद शुक्ला ने मुझसे बदतमीजी की. मैं चिल्लाई... दरवाजा बंद कर दिया गया. एक मिनट तक कमरा बंद रहा. मैं चीखती रही पर कोई मदद के लिये सामने नहीं आया. मुझसे लगातार बदसलूकी की गई. बहुत मुश्किल से भागकर निकली. सबसे शिकायत की... किसी ने मेरी बात नहीं सुनी. वो वाक्श सोचती हूं, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं."
"मेरी लड़ाई जारी रहेगी..."
राधिका ने बताया घटना कीी जानकारी उन्होंने लगभग सभी बड़े कांग्रेसी नेताओं को दी, लेकिन किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. उन्होंने बताया, "इस घटना के बारे में मैंने सचिन पायलट, भूपेश बघेल, जयराम रमेश, पवन खेड़ा को भी बताया. भूपेश बघेल के कहने पर मुझे कहा गया कि तुम छतीसगढ़ छोड़ दो. राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी सबको मैसेज भेजा पर कोई जवाब नहीं आया. ट्वीट किया, तब जयराम रमेश का कॉल आया. मैंने पहले भी कई बार ऐसी बात सुनी थी. कई महिलाओं ने भी शिकायत की थी. कांग्रेस पार्टी ने हर ऐसे मुद्दे को दबा दिया. प्रियंका गांधी से लगातार समय मांगा पर नहीं मिला. महिला के साथ अन्याय होता है, तो पार्टी से निकाल दिया जाता है... लेकिन मेरी लड़ाई जारी रहेगी."
राधिका का कहना है कि कांग्रेस ने मामले की जांच भी ठीक से नहीं की... सब कुछ भूपेश बघेल के इशारे पर हुआ. एक बार भी किसी ने कुछ नहीं बोला. मैं छत्तीसगढ़ पुलिस से अनुरोध करती हूं कि इस मामले की जांच करें. मुझे प्रभु श्रीराम पर भरोसा है. मैं अभी वकीलों से संपर्क में हूं... कार्रवाई तो करूंगी ही. मैं अभी किसी पार्टी में नहीं जा रही हूं.
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