- रूस के राष्ट्रपति पुतिन को PM मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर खुद रिसीव किया, जो दोस्ती का मजबूत संकेत और एक मैसेज है
- पुतिन भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेकर व्यापार से रक्षा के मोर्चे तक, कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे
- भारत रूस से अतिरिक्त एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और एडवांस एस-500 प्लेटफॉर्म की खरीद पर विचार कर रहा है
Putin India Visit, PM Modi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन केवल 30 घंटों के लिए भारत में हैं. लेकिन इस एक यात्रा ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से लेकर सात समंदर पार बैठे अमेरिका के रहनुमाओं की पेशानी पर बल ला दिया है. पुतिन का यह दौरा कूटनीतिक संकेत का दौरा है. जब पीएम मोदी ने गुरुवार, 4 दिसंबर को तमाम प्रोटोकॉल को परे रखकर खुद नई दिल्ली पालम एयरपोर्ट पर पुतिन का स्वागत किया तो यह संदेश था कि जब भी कोई बाहरी शक्ति जबरदस्ती भारत-रूस की दोस्ती में मट्ठा डालने की कोशिश करेगी, दोनों पहले से कहीं करीब आ जाएंगे. आज यानी शुक्रवार, 5 दिसंबर को पुतिन की भारत यात्रा का दूसरा दिन है और सबसे अहम भी. आज पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दे एजेंडे में होंगे. चलिए आपको बताते हैं कि पुतिन की इस यात्रा पर पूरी दुनिया बारीक नजर क्यों रखने वाली है.
पुतिन की यात्रा से क्या उम्मीद है?
नई दिल्ली और मॉस्को के बीच राजनयिक जुड़ाव भी बढ़ रहा है, कजान में भारत का नया वाणिज्य दूतावास पिछले सप्ताह ही शुरू हुआ है. येकातेरिनबर्ग में एक और वाणिज्य दूतावास जल्द ही खुलने वाला है. इस यात्रा के दौरान व्यापार, आर्थिक सहयोग, स्वास्थ्य सेवा और मीडिया में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है. रक्षा समझौतों की परंपरागत रूप से ऐसे शिखर सम्मेलनों के दौरान सार्वजनिक रूप से घोषणा नहीं की जाती है, लेकिन सूत्रों से संकेत मिलता है कि बातचीत महत्वपूर्ण होगी.
सरकारी अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से चला आ रहा आतंकवाद विरोधी सहयोग - जो 2002 से चला आ रहा है - दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय जुड़ाव की विशेषता है. दोनों पक्ष रूस-यूक्रेन संघर्ष सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारत "संवाद और कूटनीति" के लिए अपना समर्थन दोहराएगा. इस बीच, सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस साल मई में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिन्दूर में उनके प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारत अतिरिक्त एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद पर विचार कर रहा है. साथ ही उससे भी एडवांस एस-500 प्लेटफॉर्म खरीदने पर भी विचार कर सकता है.
पुतिन की यात्रा से पहले, मॉस्को ने भारत को नई पांचवीं पीढ़ी के Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट के लिए टेक्नोलॉजी तक बिका किसी रोक पहुंच की पेशकश की थी. रूस का प्रस्ताव था कि शुरू में रूस में उत्पादित Su-57 लड़ाकू विमान सप्लाई किया जाएगा है और साथ ही, उत्पादन को चरणों में भारत में शिफ्ट किया जाएगा. रिपोर्टों में सुझाव दिया गया है कि मॉस्को भारत को अपना एकल इंजन वाला स्टील्थ लड़ाकू विमान, Su-75 चेकमेट भी पेश कर सकता है.
व्यापार के मोर्चे पर
भारत और रूस मौजूदा व्यापार घाटे को पाटने के लिए काम कर रहे हैं. नई दिल्ली की तरफ से समुद्री उत्पादों, आलू, अनार, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, उपभोक्ता वस्तुओं और फार्मास्यूटिकल्स के निर्यात को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही, भारत रूसी फर्टिलाइजर्स (उर्वरक) पर बहुत अधिक निर्भर है, जो सालाना तीन से पांच मिलियन टन के बीच आयात करता है, और सहयोग को और गहरा करने की उम्मीद करता है.
इस यात्रा का एक अहम भाग यह भी है कि भारत और रूस के बीच कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों (वर्कर्स) के आने-जाने को सक्षम करने के लिए एक समझौता होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत भी आगे बढ़ी है, दोनों पक्षों ने जल्द ही चर्चा समाप्त करने का लक्ष्य रखा है.
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