Punjab Polls : ड्रग्स के एक मामले को लेकर विवादों के केंद्र में रहे अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) ने प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पंजाब चुनाव में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने की चुनौती को स्वीकार कर लिया है. अब वह पूर्वी अमृतसर सीट से सिद्धू के खिलाफ ही लड़ेंगे. 46 वर्षीय नेता अब अपने गढ़ मजीठा से चुनाव नहीं लड़ेंगे. वहां अब उनकी पत्नी को मैदान में उतारा गया है.
कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले बिक्रम मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी के लिए लंबे समय से अथक अभियान चलाते रहे हैं. बिक्रम मजीठिया मजीठा से तीन बार विधायक रह चुके हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी. अदालत ने राज्य पुलिस को 23 फरवरी तक अकाली दल के नेता को गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया ताकि वह चुनाव प्रचार कर सकें.
पंजाब चुनाव : ड्रग्स केस में अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को SC से राहत, गिरफ्तारी पर 23 फरवरी तक रोक
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने तीखी टिप्पणियों की एक सीरीज में कहा था, "दु:ख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि चुनाव से पहले ये मामले अचानक सामने आ रहे हैं और हर किसी के पास कुछ संदेह करने के कुछ कारण हैं." हालांकि, कोर्ट ने मजीठिया को 20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद निचली अदालत में सरेंडर करने के लिए कहा है.
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अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने भी पूर्व सरकार में मंत्री रहे मजीठिया के खिलाफ मामले को “झूठा और राजनीतिक” कहा था. राज्य में संचालित एक ड्रग रैकेट की जांच की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
2017 में सिद्धू ने पूर्वी अमृतसर सीट से एक आसान जीत हासिल की थी लेकिन इस बार, मजीठिया के यहां से चुनाव लड़ने से इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है. राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.
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