17 वर्षीय किशोर पोर्शे ड्राइवर, जिसने नशे में धुत्त हो कर अपनी कार से 24 वर्षीय दो इंजीनियरों को टक्कर मारी थी और उनकी मौत हो गई थी के पिता ने भागने की विस्तृत योजना बनाई थी लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. अपने नाबालिग बेटे को लक्जरी कार चलाने की अनुमति देने के लिए उनके खिलाफ FIR दर्ज होने के तुरंत बाद पुणे का प्रमुख रियल एस्टेट एजेंट भाग गया था.
पुलिस को गुमराह करने का था विस्तृत प्लान
पुलिस को गुमराह करने के लिए वह अपनी कार में घर से निकला और ड्राइवर से मुंबई जाने को कहा. साथ ही अन्य ड्राइवर को अपनी दूसरी कार से गोवा जाने के लिए कहा. वह रास्ते में अपनी कार से उतर गया और छत्रपति संभाजीनगर जाने के लिए अपनी दोस्त की कार का इस्तेमाल किया. पुलिस ने बताया कि उनको भ्रमित करने के लिए नबालिग के पिता ने कई कारों का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने कहा है कि रियाल्टार ने एक नए सिम कार्ड का उपयोग भी शुरू कर दिया ताकि पुलिस उसके नंबर को ट्रैक न कर सके.
पुलिस ने ऐसे किया कार को ट्रैक
जब पुलिस को जानकारी मिली कि वह अपने दोस्त की कार में है, तो उन्होंने जीपीएस के जरिए गाड़ी को ट्रैक करना शुरू कर दिया. पुणे अपराध शाखा की एक टीम ने मार्ग पर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का उपयोग करके उसकी पहचान की. आखिरकार, देर रात संभाजीनगर के एक लॉज में छापेमारी कर पुलिस ने रियल एस्टेट एजेंट को गिरफ्तार कर लिया. आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
शनिवार रात को हुई थी दुर्घटना
शनिवार रात को हुई पोर्शे दुर्घटना में किशोर को 15 घंटे के भीतर शर्तों पर जमानत दिए जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया है. एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग को दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, 15 दिनों के लिए यातायात पुलिस के साथ काम करने और अपनी शराब पीने की आदत के लिए परामर्श लेने के लिए कहा है.
पुलिस की किशोर पर वयस्क के तौर पर मुकदमा चलाने की मांग
पुलिस ने अब 17 साल और 8 महीने की उम्र के किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए किशोर न्याय बोर्ड का रुख किया है. इस याचिका पर भी आज फैसला आने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश के रहने वाले अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्ठा बाइक पर एक समारोह से लौट रहे थे, तभी कथित तौर पर 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही पोर्शे ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी. दोनों आईटी इंजीनियरों की मौके पर ही मौत हो गई.
किशोर को जमानत मिल जाने की हो रही है आलोचना
उनके परिवारों ने किशोर चालक को शीघ्र जमानत दिए जाने की आलोचना की है और इस घटना को "दुर्घटना नहीं, हत्या" बताया है. जब यह हादसा हुआ तो किशोर और उसके दो दोस्त पब से लौट रहे थे. पुलिस ने नाबालिगों को शराब देने के आरोप में दो बार के मालिकों और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है.
पुणे पुलिस ने कही ये बात
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कल रात एनडीटीवी को बताया कि वे एक "निश्चित मामला" बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारे पास इस आरोपी को कानून की संबंधित धाराओं के तहत दंडित करने के लिए एक मजबूत मामला बनाने के लिए पुष्ट सबूतों के साथ-साथ तकनीकी सबूत भी हैं."
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