पुणे कार दुर्घटना: पुणे सेशन कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आरोपी के पिता को 24 मई तक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस के वकील ने हिरासत की मांग की थी. पुणे पुलिस वकील के वकील ने कहा कि इस मामले में आरोपियों द्वारा और भी अपराध किए गए होंगे, विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जाएगी. आरोपी संभाजीनगर में छिपा था, इस बात का भी संदेह है कि उसने सबूत छिपाए, अन्यथा उसके छिपने का कोई कारण नहीं था. सात दिन की पुलिस हिरासत दी जाए.
पुणे कार दुर्घटना: नाबालिग आरोपी के पिता को कोर्ट लाया गया, लोगों ने पुलिस वैन पर स्याही फेंकी. साथ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
पुणे कार हादसा: वाहन का नहीं हुआ था रजिस्ट्रेशन
पुणे कार दुर्घटना मामले पर RTO अधिकारी संजीव भोर ने बताया कि जिस गाड़ी से हादसा हुआ है, उसकी डिलीवरी बेंगलुरु के डीलर से हुई है. RTO ऑफिस बेंगलुरु से अस्थायी रजिस्ट्रेशन जारी किया, जिसकी वैधता 18 मार्च 2024 से 17 सितंबर 2024 तक है. गाड़ी के मालिक ने 18 अप्रैल 2024 को पुणे के RTO ऑफिस में गाड़ी रजिस्ट्रेशन के लिए दिखाई थी, इसका निरीक्षण भी हुआ था. लेकिन अधिनियम के मुताबिक निर्धारित शुल्क 1758 रुपये का भुगतान नहीं होने के कारण वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी नहीं किया गया. अधिनियम के मुताबिक अगर किसी नाबालिग से कोई हादसा होता है तो उसे 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस नहीं मिल सकता.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में कथित तौर पर शामिल 17 वर्षीय लड़के को नोटिस जारी कर उसे बुधवार को अपने समक्ष पेश होने के लिए कहा था. जिसके बाद लड़के को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया. इस मामले में 4 बजे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले से जुड़े ताजा अपडेट जानने के लिए एनडीटीवी की इस स्टोरी के साथ जुड़े रहिए, जैसे ही जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का फैसला आएगा वैसे ही स्टोरी को तुरंत अपडेट कर दिया जाएगा.
जमानत के लिए किया गया जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का रुख
पुणे पुलिस ने किशोर को जमानत देने के फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करते हुए बोर्ड का रुख किया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. बोर्ड यहां येरवडा इलाके में अपने कार्यालय में आज दोपहर में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर सकता है. पुणे में दुर्घटना जिस पोर्श कार से हुई थी, उसे कथित तौर पर 17 वर्षीय किशोर चला रहा था और रविवार तड़के उसने कल्याणी नगर में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस का दावा है कि किशोर ने घटना के समय शराब पी रखी थी. आरोपी किशोर एक रियल एस्टेट डेवलेपर का बेटा है.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने हुईं किशोर की पेशी
हादसे के बाद उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया जहां से कुछ घंटे के बाद ही उसे जमानत मिल गई. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल ने कहा, ‘‘बोर्ड के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद बोर्ड ने किशोर को अपने समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है.'' पुणे पुलिस ने जमानत के आदेश को चुनौती देते हुए सत्र अदालत का रुख किया था और आरोपी लड़के पर यह कहते हुए वयस्क की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति देने का अनुरोध किया था कि उसने जो अपराध किया है वह ‘‘जघन्य'' है.
अदालत ने आदेश की समीक्षा के लिए पुलिस को भेजा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड
बहरहाल, अदालत ने पुलिस को आदेश की समीक्षा करने के लिए किशोर न्याय बोर्ड का रुख करने के लिए कहा था. पुलिस के अनुसार, शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को आरोपी किशोर अपने दोस्तों के साथ रात साढ़े नौ बजे से देर रात एक बजे के बीच दो होटल में गया था और उसने कथित तौर पर शराब पी थी. रविवार को बोर्ड ने आरोपी किशोर को जमानत देते हुए उसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जाकर यातायात नियम पढ़ने और 15 दिन के भीतर उसके समक्ष प्रस्तुति देने का निर्देश दिया था। आदेश में कहा गया, ‘‘सीसीएल (कानून का उल्लंघन करने वाला बच्चा) सड़क हादसे और उसका समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा.''
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