दिल्ली पुलिस द्वारा राहुल गांधी की कथित जासूसी किए जाने को लेकर मचे बवाल के बाद केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह एक रूटीन प्रोफाइलिंग थी, जिसे पूर्व की कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसमें राहुल गांधी के अलावा उनकी मां एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित 526 दूसरे नेताओं की ऐसी ही जानकारी एकत्र की गई।
सूत्र ने बताया कि नेताओं के प्रोफाइलिंग की यह प्रक्रिया साल 1957 में ही शुरू हुई थी। राहुल गांधी के पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1987 में इस नया रूप दिया गया।
इसके साथ उन्होंने बताया कि उसी वक्त एक विस्तृत प्रोफॉर्मा बनाया गया, जिसमें शिक्षा, उम्र, शरीर के निशान, उनके साथियों की पहचान, पसंदीदा खेल और सुबह की सैर के लिए पसंदीदा जगह जैसी जागकारियों जोड़ी गई थी। इसके बाद साल 1999 में इसमें कुछ और बिंदुओं को जोड़़ा गया।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि साल 1998, 2004, 2009, 2010, 2011 और 2012 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रोफाइलिंग की गई थी। उनके अलावा कई और नेताओं की भी समय-समय पर ऐसी ही प्रोफाइलिंग की जाती रही है, जिनमें प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजेपयी जैसी शीर्ष के नेता भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की साल 2001, 2007, 2008, 2008 और 2012 में प्रोफाइलिंग की गई थी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ताज़ा प्रोफाइल 2011 में तैयार किया गया था और अटल बिहारी वाजपेयी का प्रोफाइल साल 2011 में अपडेट किया गया था।
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