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पुंछ हमला सुरक्षा विफलता नहीं; क्षेत्र में आतंकवाद अब भी जीवित है: उमर अब्दुल्ला

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को दोबारा हासिल करने के भाजपा नेताओं के बयानों पर अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी इसका विरोध नहीं कर रहा है.

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पुंछ हमला सुरक्षा विफलता नहीं; क्षेत्र में आतंकवाद अब भी जीवित है: उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर:

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले को सुरक्षा विफलता के रूप में नहीं देखते हैं, क्योंकि उस क्षेत्र में आतंकवाद अब भी जीवित है. अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान से तीन सप्ताह पहले शनिवार को पुंछ जिले में आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई और चार घायल हो गए. पुंछ, अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है, जहां 25 मई को छठे चरण में मतदान होना है.

अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इसे सुरक्षा विफलता नहीं कहूंगा. यह इस जगह की वास्तविकता है. भाजपा ने उग्रवाद की कमर तोड़ने का दावा किया, लेकिन हमने बार-बार कहा है कि वे सच्चाई स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और सच्चाई यह है कि दुर्भाग्य से, जो क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो गये थे, वहां हम फिर से आंतकवाद देख रहे हैं.''

पूर्व मुख्यमंत्री श्रीनगर लोकसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी के लिए डाउनटाउन शहर के हवाल इलाके में प्रचार कर रहे थे. अब्दुल्ला ने श्रीनगर शहर और पुंछ-राजौरी क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान वहां से आतंकवाद समाप्त कर दिया गया था.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से दो स्थानों का उल्लेख करूंगा, पहला श्रीनगर शहर, जहां बार-बार हमले हुए हैं, चाहे वह पुलिसकर्मियों या अल्पसंख्यक समुदाय पर हों और दूसरा पुंछ-राजौरी क्षेत्र. मेरे कार्यकाल (मुख्यमंत्री के रूप में) के दौरान हमने इन स्थानों को लगभग आतंकवाद से मुक्त कर दिया था. हालांकि, कल हुई घटना से संकेत मिलता है कि वहां स्थिति सामान्य से बहुत परे है.''

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को दोबारा हासिल करने के भाजपा नेताओं के बयानों पर अब्दुल्ला ने कहा कि कोई भी इसका विरोध नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उन्हें किसने रोका है? क्या आपने किसी को यह कहते हुए सुना है कि वे ऐसा करने से रोकेंगे? हम कौन होते हैं इसे रोकने वाले? हालांकि, उन्हें इधर के हिस्से वाले कश्मीर में स्थिति सामान्य करने दें. वे इस पक्ष को संभालने में सक्षम तो हैं नहीं, लेकिन दूसरा हिस्सा वापस लेने की बात कर रहे हैं.'' नेकां उपाध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि लोकसभा चुनाव के बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारें बातचीत के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाएंगी.

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में नई सरकार बन गई है और चुनाव के बाद यहां (भारत में) नई सरकार बनेगी. हमें उम्मीद है कि दोनों सरकारें बातचीत के लिए माहौल बनाने के लिए कदम उठाएंगी.''अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाना एक नियमित विशेषता बन गई है, जिसे रोकने की जरूरत है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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