
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) का स्तर 24 अक्टूबर को दिवाली के स्तर से भी ऊपर जा सकता है. मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्थ साइंसेज की संस्था इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मीटरोलॉजी (IITM) ने अपने ताज़ा फोरकास्ट में ये चेतावनी दी है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक - बुधवार को भी दिल्ली में औसत एक AQI लेवल 353 पहुंचा जो दिवाली के दिन से कुछ ऊपर रहा.
एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन ने कहा कि भारत सरकार की Indian Institute of Tropical Meteorology, Pune ने अपनी ताजा रिपोर्ट में आगाह किया है कि 24 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का लेवल दिवाली के प्रदूषण स्तर से भी ऊपर जा सकता है. इस वजह है कि राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में मौसम धीरे-धीरे बदल रहा है, हवा की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है. इसकी वजह से जो प्रदूषण अलग-अलग स्रोतों से दिल्ली की हवा को जहरीला बना रहा है वह क्लीनअप नहीं हो पा रहा है.
डॉ. एम रविचंद्रन के मुताबिक- मौसम में आने वाले दिनों में तापमान जैसे जैसे नीचे आएगा, हवा की गति भी घटेगी. ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है. ऐसे में दिल्ली और आसपास के राज्य सरकारों को प्रदूषण से निपटने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाने होंगे.
डॉ. एम रविचंद्रन ने कहा कि सभी प्रभावित राज्यों की सरकारों और स्टेकहोल्डर्स को प्रदूषण कम करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार रहना होगा. आम लोगों को भी अपने स्तर पर सतर्क रहना होगा और हर संभव कदम उठाने होंगे. गाड़ियों से होने वाले पॉल्यूशन को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा आम लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना होगा. सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना जरूरी होगा. बढ़ते प्रदूषण संकट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर इलाके में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण यानी GRAP-2 पिछले हफ्ते ही लागू कर दिया है.
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक कि CAQM उप-समिति ने वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में पूरे एनसीआर क्षेत्र में मौजूदा ग्रैप चरण-II के अनुसार 12-सूत्रीय कार्य योजना को लागू करने का निर्णय लिया. पहले से लागू ग्रैप-I के तहत एक्शन के अतिरिक्त मौजूदा ग्रैप चरण-II 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता (दिल्ली एक्यूआई 301-400) के तहत परिकल्पित सभी कार्यों को एनसीआर में संबंधित सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा तुरंत प्रभाव से लागू की जाएंगी. इसके अलावा एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) को इस अवधि के दौरान ग्रैप-I के तहत कार्रवाई के अलावा ग्रैप-II के तहत कार्रवाई के सफल और सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. जाहिर है कि प्रदूषण का संकट बड़ा हो रहा है और इसके असर से निपटना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.
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