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This Article is From Oct 12, 2023

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियां, कानून पर्याप्त नहीं; जीवनशैली बदलने की जरूरत: ओम बिरला

ओम बिरला ने भरोसा जताया कि यह जन आंदोलन बन जाएगा, जो एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘भारत की संसद में भी पर्यावरण के लिए जीवनशैली के विषय पर व्यापक चर्चा हुई है और कानून बनाये गये हैं.’’

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियां, कानून पर्याप्त नहीं; जीवनशैली बदलने की जरूरत: ओम बिरला

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए केवल नीतियां और कानून बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि जीवनशैली में बदलाव करके सामूहिक योगदान की आवश्यकता है. यहां ‘लाइफ: पर्यावरण के लिए जीवनशैली' विषय पर संसदीय मंच को संबोधित करते हुए बिरला ने जी20 और अन्य आमंत्रित देशों के सांसदों से संसद में ‘मिशन लाइफस्टाइल' पर चर्चा करने का आग्रह किया, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि अभियान हमारे जीवन का हिस्सा है.

ओम बिरला ने भरोसा जताया कि यह जन आंदोलन बन जाएगा, जो एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, ‘‘भारत की संसद में भी पर्यावरण के लिए जीवनशैली के विषय पर व्यापक चर्चा हुई है और कानून बनाये गये हैं.'' उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली' का विचार दुनिया के सामने रखा है. बिरला ने कहा कि ‘जीवनशैली अभियान' पर्यावरण संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है, जो प्रत्येक व्यक्ति को संसाधनों का समझदारी से उपयोग, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के लिए प्रेरित करता है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आज हमें ऐसी जीवनशैली, ऐसा दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, जो हमारे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए. यह हम सभी की व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी है.'' नौवां जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) यहां 13 से 14 अक्टूबर तक आयोजित होने वाला है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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