बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गया में परिवर्तन रैली में नीतीश और लालू पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग सत्ता के नशे में चूर हैं। अब बिहार का भाग्य बदलने के लिए दिल्ली, बिहार के साथ है। पीएम ने कहा कि दिल्ली से विकास की गंगा बह रही है, लेकिन बिहार में सत्ता में बैठे लोग उल्टा लोटा लेकर खड़े हैं।
उन्होंने कहा, विरोधियों का गठबंधन राजनीतिक लाभ के लिए हुआ है। उन्होंने लालू यादव के जेल जाने पर भी बिना नाम लिए चुटकी लेते हुए कहा कि कोई जेल जाकर आज तक अच्छी बात सीखकर आया है। जंगलराज पार्ट-1 में जेल का अनुभव नहीं था। अब जेल का अनुभव भी जुड़ने वाला है। पीएम मोदी यहीं नहीं रुके।
उन्होंने कहा कि जेडीयू मतलब जनता का दमन और उत्पीड़न। RJD मतलब रोज़ाना जंगलराज का डर। उन्होंने जनता से कहा कि मध्यप्रदेश को बीजेपी की सरकार ने बीमारू राज्य से बाहर निकाला अब बिहार को बीमारू राज्य से बाहर निकालना है तो बीजेपी को लाना पड़ेगा। बिहार जंगलराज से मुक्ति का पर्व बनने वाला है।
पीएम के भाषण के मुख्य अंश...
-बिहार की जनता ने दो फैसले कर लिए हैं। पहला फैसला, बिहार के जीवन में, विकास में, राज्य का भाग्य बदलने के लिए आधुनिक, ताकतवर और नया बिहार बनाने का है और दूसरा परिवर्तन का।
-25 साल से बिहार की जनता ने जिनके हर जुल्म, अहंकार, धोखाधड़ी को झेला, उनसे मुक्ति का पर्व चुनाव आने वाला है। यह चुनाव बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाने का पर्व बनने वाला है।
-आने वाले पांच साल भी ऐसे बीते तो नौजवान बर्बाद हो जाएंगे। भविष्य तबाह हो जाएगा। बिहार को अपना भला करने वाली प्रतिबद्ध लोकतांत्रिक सरकार चाहिए।
-आज भी देश के सांस्कृतिक इतिहास की चर्चा बिहार के भव्य भूतकाल से होती है।
-दुनिया को अहिंसा का संदेश बिहार से मिला।
-सत्ता के नशे में बैठे लोगों ने जनता के सपनों को चूर-चूर कर दिया।
-हम बिहार की जनता के कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। अब दिल्ली, बिहार का भाग्य बदलने के लिए उसके साथ है। बिहार के जीवन को बदलने के लिए आपसे प्रार्थना करने आया हूं।
-बिहार की जनता से मिले प्यार को विकास करके लौटाना चाहता हूं।
-जो लोग पहले दिल्ली में बैठकर सरकार चलाते थे, आज वही लोग साथ मिलकर बिहार के लोगों को दोबारा जंगलराज की तरफ घसीटने के लिए तैयार बैठे हैं।
- बिहार में भुजंग प्रसाद और चंदन कुमार कौन हैं?
-निजी राजनीतिक लाभ पाने के लिए यह गठबंधन (लालू-नीतीश गठबंधन) किया गया। चुनाव के बाद जब ये लोग ज़हर उगलेंगे, तो यह जनता की थाली में पड़ेगा। जिन्होंने जहर पीया है, उनको जहर उगलने का मौका नहीं देना चाहिए।
-शिवराज चौहान ने मध्य प्रदेश, वसुंधरा राजे ने राजस्थान को बीमारू राज्य की सूची से बाहर निकाला है। बिहार को भी बीमारू राज्य से बाहर लाना है। इसके लिए जनता हमारी मदद करे। वादा करता हूं कि अगले पांच साल में बिहार को बीमारू राज्य की सूची से बाहर ला देंगे।
-बौद्ध विचारधारा से जुड़ा दुनिया का हर व्यक्ति एक बार बौद्धगया के दर्शन करना चाहता है। ताजमहल देखने से ज्यादा लोग बौद्धगया में माथा टेकने को तैयार हैं। अगर बौद्धगया को पर्यटन का हब बना दिया जाए तो यहां गरीबी नहीं रहेगी।
-वोट बैंक की राजनीति ने गया के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। बौद्धगया में हुए धमाके की वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोगों ने कोई परवाह नहीं की। हमें यह तस्वीर बदलनी है। बौद्धगया को पूरे एशिया के तीर्थ क्षेत्र के रूप में परिवर्तित करना है।
-बिहार में जंगलराज पार्ट-टू आया तो सब बर्बाद हो जाएगा। जंगलराज पार्ट-टू में अब जेल का अनुभव भी जुड़ गया है, इसलिए बर्बादी की संभावना बढ़ गई है।
-आरजेडी का सीधा मतलब ''रोजाना जंगलराज का डर'' है।
-जेडीयू का मतलब ''जनता का दमन और उत्पीड़न'' है।
-चुनाव से पहले किए गए वादे के मुताबिक, बिहार की जनता को बिजली नहीं मिली।
-बिहार के नौजवानों को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। बिहार में 17 से 20 साल की उम्र के 80 लाख से ज्यादा नौजवान हैं। इन बच्चों के मां-बापों के सपने हैं कि उनके बच्चों को इंजीनियरिंग की शिक्षा मिले। बिहार में केवल 25 हजार सीटें इंजीनियरिंग की हैं।
-लालटेन वालों ने बिहार को अंधेरे में रखा।
-बिहार में जंगलराज, जेल और जहर का डर है।
-हमें विकास के लिए वोट चाहिए। बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाने के लिए वोट चाहिए।
-आपको यह विश्वास दिलाने आया हूं कि अगर आप एक कदम चलेंगे तो मैं सवा कदम चलूंगा, इसलिए चुनाव में भारी मतदान करके परिर्वतन लाइये।
एनडीए की सरकार बनने पर ही होगा बिहार का विकास : अमित शाह
पीएम के यहां पहुंचने से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली संबोधित करते हुए कहा, ''बिहार ने 15 साल जंगलराज का अनुभव किया और 15 साल तक बिहार पूरे देश में जंगलराज के नाम से बदनाम होता रहा। आज बिहार की जनता यहां से तय करके जाए कि जंगलराज बिहार छोड़कर जाएगा और यहां बीजेपी की सरकार बने। अब जनता जान गई है कि लालू-नीतीश की सरकार आने पर राज्य की सरकार कैसे चलेगी। यहां एनडीए का शासन लाना बेहद जरूरी है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने पर ही यहां का विकास होगा।''
रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के प्रमुख नेता भी उपस्थित रहे। पीएम के आने से पहले केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और अन्य नेता भी रैली में पहुंच गए थे।
पीएम के आने-जाने तक गया में हाई अलर्ट
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर रैली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंच की सुरक्षा की पूरी कमान स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने संभाली हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पीएम मोदी के आगमन से लेकर प्रस्थान तक गया में हाई अलर्ट रहेगा। रैली स्थल से लेकर शहरभर में करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
भाकपा (माओवादी) का बंद का ऐलान
उधर, इस रैली के विरोध में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने मगध प्रमंडल बंद का ऐलान किया है। नक्सलियों ने इसे 'काले दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
पुलिस से लेकर मजिस्ट्रेट तक ड्यूटी में तैनात
गया के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार अग्रवाल ने बताया, प्रधानमंत्री की रैली के मद्देनजर गया में विभिन्न चौकियों पर आने-जाने वाले वाहनों की सघन तलाशी की गई। दो हजार से कॉन्सटेबल और एक हजार पुलिस अधिकारियों और मजिस्ट्रेटों को विशेष रूप से रैली की ड्यूटी में लगाया गया। शहर के लिए यातायात की योजना को मजबूत किया गया। साथ ही भीड़ से निपटने के लिए गांधी मैदान रैली स्थल पर 10 नए गेट बनाए गए। इससे पहले वहां पर केवल तीन गेट थे। साथ ही सीसीटीवी कैमरे, गेटों पर मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए।'
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