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अवैध प्रवासी, ट्रेड, तहव्वुर... भारत-अमेरिका के लिए ये मुद्दे कितने अहम? एक्सपर्ट से जानिए

PM Modi US Visit: कमर आगा ने कहा कि जल्द ही तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सकता है. इस सबके बीच सबसे खास बात यह है कि मौजूदा समय में भारत अमेरिका के लिए बहुत ही अहम है. अमेरिका का पूरा ध्यान यूरोप से ज्यादा एशिया पर केंद्रित है.

अवैध प्रवासी, ट्रेड, तहव्वुर... भारत-अमेरिका के लिए ये मुद्दे कितने अहम? एक्सपर्ट से जानिए
PM Modi US Visit: अमेरिका में पीएम मोदी
नई दिल्ली:

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अमेरिका में टैरिफ, ट्रेड, और आतंकवाद समेत कई अहम (PM Modi-Donald Trump) मुद्दों पर चर्चा हुई. लेकिन अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय और तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, ये दोनों ही मुद्दे बातचीत में काफी खास रहे. भारत-अमेरिका के लिए ये मुद्दे कितने अहम हैं और इनके क्या मायने हैं, साउथ-ईस्ट एशिया मामलों के जानकार कमर आगा ने इसे विस्तार से बताया. 

कमर आगा ने कहा कि अवैध प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से जिस तरह से भारत लाया गया उसे लेकर देश में काफी तनाव और टेंशन का माहौल था. पीएम मोदी ने इस मुद्दे को अपने अमेरिका दौरे के दौरान उठाया, जो दोनों के बीच हुई बातचीत में काफी महत्वपूर्ण है.

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(मोदी-ट्रंप की चर्चा पर साउथ-ईस्ट एशिया मामलों के जानकार कमर आगा)

(मोदी-ट्रंप की चर्चा पर साउथ-ईस्ट एशिया मामलों के जानकार कमर आगा)

तहव्वुर राणा पर बातचीत लंबे समय से 

आतंकवाद पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने ट्रंप को ये भी बताया कि किस तरह से ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है, उसको रोकने की जरूरत है. आतंकवाद के मुद्दे पर तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारत-अमेरिका के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी. अब इस पर भी अब सहमति बन गई है.

US का ध्यान सबसे ज्यादा एशिया पर

कमर आगा ने कहा कि जल्द ही तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सकता है. इस सबके बीच सबसे खास बात यह है कि मौजूदा समय में भारत अमेरिका के लिए बहुत ही अहम है. अमेरिका का पूरा ध्यान यूरोप से ज्यादा एशिया पर केंद्रित है. मुझे लगता है कि उनके लिए यूरोप दूसरे नंबर पर आता है और एशिया का नंबर पहला हो गया है. भारत एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. यह चार ट्रिलियन हो गई है, जो अगले चार-पांच साल में 8-10 के करीब पहुंच जाएगी. 

भारत की सेना काफी महत्वपूर्ण

दूसरी बात ये है कि अमेरिका एक बड़ा बाजार है. दोनों देशों के ट्रेड के लिए 500 बिलियन डॉलर का पोटेंशियल है. इस पूरे क्षेत्र में भारत का प्रभाव बहुत ज्यादा है. इंडो पैसिफिक क्षेत्र के लिए भारत की सेना काफी महत्वपूर्ण है. साउथ चाइना सी और ताइबान की तरफ इंडो पैसिफिक चाइना कंटेनमेंट का बढ़ता हुआ विस्तारवादी रूप, इन सबमें भारत बहुत प्रॉमिनेंट है. 

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