शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर उन पर निशाना साधा है. शिवसेना (Shiv Sena) ने कहा कि मोदी ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की बात की, लेकिन कोरोना (Corona) के कारण हुई बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया.
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शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' ने गुरुवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि पीएम मोदी प्रमुख मुद्दों पर चुप रहे लेकिन उनका यह भाषण पिछले कुछ महीनों में दिए गए सबसे अच्छे भाषणों में से एक था.शिवसेना ने लिखा कि मोदी के संबोधन में नापंसद किया जाने वाला कुछ भी नहीं था और प्रधानमंत्री के चेहरे पर एक अलग ही तेज दिख रहा था, जो देश को उसकी समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा.
किसी पैकेज का ऐलान नहीं किया गया
पार्टी ने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को क्या बताया? क्या उन्होंने महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित लोगों को कोई आश्वासन दिया? किस मौद्रिक पैकेज की घोषणा की ? भाषण की ऐसी आलोचनाएं की जा सकती हैं. हालांकि, भाषण छोटा और प्रभावी था.''संपादकीय के अनुसार, ‘‘पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के बारे में जो कुछ भी कहा, वह सब सच था. उनकी श्वेत दाढ़ी, उनके चेहरे पर दीप्तिमान तेज .... यह तेज देश में आपदाओं के अंधेरे को मिटा देगा.''
राहुल गांधी के सवालों का भी जिक्र किया
शिवसेना के मुखपत्र में उल्लेख किया गया कि भाषण से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वे चीनी घुसपैठ (लद्दाख में) के बारे में बोलें. लेकिन मोदी ने इस मुद्दे को नहीं छुआ. उनका भाषण छोटा था. वास्तव में, कोरोना पर जागरूकता के संबंध में 7 से 8 मिनट लंबा संबोधन पिछले सात महीनों में सबसे अच्छे भाषणों में से एक था.
राज्यपाल को प्रधानमंत्री का बयान याद दिलाया
संपादकीय में कहा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि जिन जगहों पर भीड़ हो सकती है,उन्हें इतनी जल्दी फिर से नहीं खोला जा सकता. राज्य में विपक्षी दल भाजपा महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग कर रही है. कोश्यारी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था.
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