प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कट्टरपंथियों और विपक्ष की ओर से रोड़े अटकाए जाने के बावजूद सरकार मुस्लिम महिलाओं वास्ते सामाजिक न्याय सुनिश्चित करवाने के लिए तीन तलाक की परंपरा के खिलाफ कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महिला मोर्चा के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "सारी बाधाओं और कट्टरपंथियों व विपक्ष के प्रतिरोध के बावजूद सरकार तीन तलाक के विरुद्ध कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि मुस्लिम महिलाओं को अपने सामाजिक जीवन में बड़ी असुरक्षा से छुटकारा मिले". सरकार ने पिछले साल मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार सुरक्षा) विधेयक लाया था, जिसे लोकसभा में उसी दिन पारित कर दिया गया, लेकिन विधेयक राज्यसभा में अटक गया जहां सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुमत नहीं है.
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विपक्ष ने तीन तलाक को आपराधिक कृत्य बनाने पर गंभीर चिंता जाहिर की. प्रस्तावित कानून में पत्नी को तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन साल तक की सजा सुनाई जा सकती है. इस्लाम के हनाफी पंथ के कानून में तीन तलाक को वैध माना गया है. इसके बाद सरकार ने इस साल सितंबर में इस मसले पर अध्यादेश लाया, जिसे संसद के मौजूदा सत्र में कानून का जामा पहनाना है, अन्यथा अध्यादेश की अवधि समाप्त हो जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने पहले की महिला के साथ हज पर जाने के लिए महरम की शर्त हटा दी है. इससे पहले, भारत की मुस्लिम महिला अकेले हज पर नहीं जा सकती थी. सरकार ने पिछले साल इस शर्त को हटा दिया और करीब 1,300 महिलाओं ने महरम के बगैर हज की यात्रा की.
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