प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. एक्स पर एक पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा "हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि." कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके योगदान को याद किया. राहुल और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने 'वीर भूमि' जाकर पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए.
Tributes to our former Prime Minister Shri Rajiv Gandhi Ji on his birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2024
"पापा, आपकी सीख मेरी प्रेरणा"
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा एक करुणामय व्यक्तित्व, सौहार्द और सद्भावना के प्रतीक… पापा, आपकी सीख मेरी प्रेरणा है, और भारत के लिए आपके सपने मेरे अपने - आपकी यादें साथ ले कर इन्हें पूरा करूंगा.
एक करुणामय व्यक्तित्व, सौहार्द और सद्भावना के प्रतीक…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
पापा, आपकी सीख मेरी प्रेरणा है, और भारत के लिए आपके सपने मेरे अपने - आपकी यादें साथ ले कर इन्हें पूरा करूंगा। pic.twitter.com/LFg6N43eZW
"आज देश सद्भावना दिवस मना रहा"
खरगे ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'आज देश सद्भावना दिवस मना रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत के महान सपूत थे. उन्होंने करोड़ों भारतीय नागरिकों में आशा की किरण जगाई और अपने अभूतपूर्व योगदान से भारत को 21वीं सदी में पहुंचा दिया.' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कंप्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नयी शिक्षा नीति जैसे उनके कई सुखद कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आए.' खरगे ने कहा, 'हम भारत रत्न, राजीव गांधी जी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर लिखा, 'राजीव गांधी की 80वीं जयंती है. उनका राजनीतिक जीवन छोटा, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण था. मार्च 1985 के बजट में उन्होंने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने आर्थिक नीति के प्रति एक नया दृष्टिकोण दिया.' रमेश ने कहा, 'शहादत को प्राप्त होने से कुछ सप्ताह पहले तक राजीव गांधी ने 1991 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को तैयार करने में कई घंटे बिताए थे, जिसने जून-जुलाई 1991 में नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए ऐतिहासिक सुधारों की नींव रखी.'
Today is Rajiv Gandhi@80.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 20, 2024
His was a short but very consequential political life.
The March 1985 Budget in which he played a key role heralded a new approach to economic policy. The manifesto for the 1991 Lok Sabha elections, on which he spent long hours a few weeks before his… pic.twitter.com/yHu97ZagSs
उन्होंने कहा कि असम, पंजाब, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे देश के अशांत क्षेत्रों में शांति समझौते राजीव गांधी की उस शासन कला के बदौलत संभव हो पाए, जिन्होंने राष्ट्रीय हित को अपनी पार्टी के तात्कालिक हितों से ऊपर रखा. रमेश ने कहा, 'उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सामाजिक उपयोगिता के लिए एक दृष्टिकोण था, जो पेयजल आपूर्ति, टीकाकरण, साक्षरता, तिलहन उत्पादन और दूरसंचार एवं डेयरी विकास में प्रभावशाली प्रौद्योगिकी मिशन में परिलक्षित हुआ.'
उन्होंने कहा, '1985 में 1,65,000 ऐसे गांवों की पहचान हुई थी, जहां पीने योग्य पानी के किसी भी स्रोत तक आसान पहुंच नहीं थी. 1989 तक इनमें से 1,62,000 गांवों को पीने के पानी का कम से कम एक सुरक्षित स्रोत प्रदान किया गया. पोलियो टीका बनाने की सुविधाएं स्थापित की गईं.' कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'भारत को सॉफ्टवेयर निर्यात में महाशक्ति बनाने की दिशा में पहला प्रत्यक्ष कदम राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान उठाया गया था. सी-डीएसी जैसी संस्थाएं जिनपर आज हमें गर्व है, 1980 के दशक के अंत में स्थापित की गई थीं. राष्ट्रीय आवास बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएं भी उसी दौर में अस्तित्व में आई थीं.' उन्होंने कहा, 'प्रगतिशील मूल्यों पर आधारित 1986 की नयी शिक्षा नीति पर राजीव गांधी की व्यक्तिगत छाप थी. आज के नवोदय विद्यालय इसी पहल के तहत सामने आए. मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष कर दी गई और स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया.' रमेश के अनुसार, 'हमारे संविधान का अनुच्छेद 243 निर्वाचित पंचायतों और नगर पालिकाओं को सशक्त बनाने की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को श्रद्धांजलि है. आज स्वशासन की इन संस्थाओं में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं.'
उन्होंने कहा, 'आज हम न सिर्फ एक प्रधानमंत्री को, बल्कि एक बहुत ही नेकदिल और सबकी परवाह करने वाले इंसान को भी याद करते हैं, जिसमें द्वेष नहीं था, प्रतिशोध और बदले की कोई भावना नहीं थी, कोई आडंबर नहीं था, और खुद के महिमा मंडन एवं आत्मप्रशंसा की चाह नहीं थी.' (भाषा इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं