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This Article is From Mar 03, 2020

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बिना नाम लिए कसा तंज, कुछ लोगों को 'भारत माता की जय' बोलने में बू आती है

बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर हमला बोला है.

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बिना नाम लिए कसा तंज, कुछ लोगों को 'भारत माता की जय' बोलने में बू आती है
पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में सांसदों की भी क्लास लगाई है
नई दिल्ली:

बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को 'भारत माता की जय' बोलने में बू आती है. पीएम मोदी ने कहा कि यही बात कुछ लोगों को देश की आजादी के समय कुछ लोगों को 'वंदे मातरम' भी कहने में होती थी. उन्होंने कहा, 'अमेरिका में जो बाहर के लोग हैं उन्हें खुद को अमेरिकन कहने में शर्म नहीं आती लेकिन यहां ऐसे ही चलता रहा तो ये भी सवाल उठने लगेंगे कि भारत माता की जय क्यों कहा जाता है'.  पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोग दल के लिए जीते हैं और हम अपने देश के लिए जीते हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'हम लोग सबका विकास सबका साथ पर चलने वाले हैं'  पीएम मोदी ने सांसदों की भी क्लास लेते हुए कहा कि  आप पर सवा सौ करोड़ का भार है. आप बहुत व्यस्त रहते हैं  लेकिन फिर भी कुछ समय देश के किया निकालिए. पीएम मोदी ने आगे कहा कि विकास जरूरी है  और इसके लिए  शांति, सद्भाव और एकता जरूरी है.सभी सांसदों को समाज में शांति, सौहार्द और एकता सुनिश्चित करने के लिए अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए:  पीएम ने कहा कि देशहित और दलहित में लड़ाई जारी है.

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क्या था डॉ. मनमोहन सिंह ने 
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने शनिवार को बीजेपी (BJP) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा राष्‍ट्रवाद(Nationalism), 'भारत माता की जय' (Bharat Mata Ki Jai) नारे का भारत के एक 'उग्रवादी और विशुद्ध रूप से भावनात्मक' विचार के निर्माण के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है. सिंह ने जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के कृतित्व एवं भाषण पर आधारित एक पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत की राष्ट्रों के समूह में उज्ज्वल लोकतंत्र के रूप में पहचान है, यदि उसे महत्वपूर्ण वैश्विक शक्तियों में एक समझा जाता है तो ये तो प्रथम प्रधानमंत्री ही थे जिन्हें इसके मुख्य शिल्पी होने का श्रेय दिया जाना चाहिए.

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