दक्षिणी दिल्ली के होली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल में तोड़-फोड़ की घटना के फौरन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी को तलब कर राजधानी में बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पुलिस कमिश्नर से हाल के दिनों में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं की जल्दी जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा।
साथ ही, प्रधानमंत्री ने गृह सचिव से फोन पर बात कर महिलाओं की सुरक्षा और दिल्ली में बढ़ती अपराध की घटनाओं पर खास ध्यान देने को भी कहा। प्रधानमंत्री ने ऐसे वक्त पर हस्तक्षेप किया है, जब पिछले दो महीनों में धार्मिक स्थलों पर तोड़-फोड़ की घटनाएं बढ़ी हैं और महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है।
दिसंबर से अब तक चर्चों पर हमले की पांच-छह वारदात हो चुकी हैं। पहला हमला 1 दिसंबर, 2014 को हुआ, जब दिलशाद गार्डन के चर्च में आगजनी की घटना दर्ज हुई। फिर 7 दिसंबर को जसोला के चर्च में मास के दौरान पथराव हुआ, 3 जनवरी को रोहिणी के चर्च में आग लगने का वाकया हुआ, 14 जनवरी को विकासपुरी में चर्च में तोड़फोड़ हुई और फिर 2 फरवरी को वसंत कुंज में चर्च में तोड़फोड़ की घटना हुई।
कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री ने अपने बयान में धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की घटनाओं का भी ज़िक्र किया होता तो बेहतर होता। हालांकि एनडीटीवी से बातचीत में कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता जोसेफ चैन्नायन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आखिरकार प्रधानमंत्री ने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी।
फिलहाल दिल्ली में चर्चों के आस-पास निगरानी बढा दी गई है। अब यह अहम होगा कि दिल्ली पुलिस हाल के दिनों में हुए हमलों के दोषियों को पकड़ने में कितनी जल्दी कामयाब हो पाती है।
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