विज्ञापन
This Article is From Aug 29, 2016

अब हमें पश्चिम बंगाल नहीं, 'बंगाल' और 'बांग्ला' कहकर पुकारें : ममता बनर्जी

अब हमें पश्चिम बंगाल नहीं, 'बंगाल' और 'बांग्ला' कहकर पुकारें : ममता बनर्जी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल को अब अंग्रेज़ी और हिन्दी में 'बैन्गॉल' और 'बंगाल' कहा जाएगा और इसे बंगाली भाषा में 'बांग्ला' कहा जाएगा, अगर केंद्र ने राज्य के इस संदर्भ में भेजे जाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. राज्य विधानसभा में नाम परिवर्तन के इस प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी गई, हालांकि विपक्षी वामदलों, कांग्रेस तथा बीजेपी ने वॉकआउट किया.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, "जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें इतिहास कभी क्षमा नहीं करेगा... आज ऐतिहासिक दिन है, और इसे सुनहरे अक्षरों में लिखकर रखा जाएगा..."

विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के सदन में दिए गए भाषण के दौरान ही बहस छिड़ जाने के बाद वॉकआउट कर दिया था. ममता बनर्जी ने कहा, "वामदलों ने भी नाम परिवर्तन की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे थे... अब वही इसका विरोध कर रहे हैं..."

अब नए नाम की वजह से राज्यों की सूची में बंगाल काफी ऊपर पहुंच जाएगा, जो अंग्रेज़ी की वर्णमाला के क्रम के अनुसार बनाई जाती है. मुख्यमंत्री कई बार इस बात की शिकायत कर चुकी हैं कि अंतरराज्यीय बैठकों में उन्हें कभी-कभार ही बोलने का मौका मिल पाता है, क्योंकि 29 नामों वाली सूची में उनके राज्य का नाम अंत में होता है.

बांग्ला भाषा में राज्य के नाम पर सरकार में 'बंग' (जिसे संगीत उपकरण Bongo की तरह उच्चारित किया जाए) तथा 'बांग्ला' (जो स्थानीय खराब के लिए प्रयोग होने वाला शब्द है) के बीच मतभेद था, लेकिन ममता बनर्जी ने बताया, "'बांग्ला' आराम से जीत गया..."

वैसे, इस समय राज्य को बांग्ला में 'पश्चिम बंग' कहकर पुकारा जाता है. वर्ष 2001 में बुद्धदेब भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली वाम सरकार ने भी राज्य का नाम 'पश्चिमबंग' किए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया था. केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था, हालांकि उस वक्त राजधानी नगर का नाम कलकत्ता से बदलकर कोलकाता कर दिया गया था.

दरअसल, वर्ष 1947 में आज़ादी के समय बंगाल का बंटवारा हो गया था, जिससे पश्चिम बंगाल यहां भारत का हिस्सा बना रह गया, और पूर्वी बंगाल उस नए देश का हिस्सा बना, जिसे आज बांग्लादेश कहा जाता है.

इस नाम परिवर्तन से जुड़ी एक दिलचस्प बात दिवंगत लेखक सुनील गंगोपाध्याय ने कही थी, "जब कोई पूर्वी बंगाल ही नहीं बचा है, तो पश्चिम बंगाल कैसे हो सकता है...?"

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com