महाराष्ट्र में सरकार गठन पर लगातार सस्पेंस बरक़रार है. इसकी सबसे बड़ी वजह है बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) गठबंधन में तनातनी. बीजेपी ने लगातार चुप्पी साध रखी है तो शिवसेना (Shiv Sena) लगातार हमलावर है. रविवार को शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सरकारी अमले का दुरुपयोग हो रहा है और सरकार में बैठे लोग गुंडागर्दी के बल पर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हम ख़ुलासा करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना को 170 विधायकों का शिवसेना को समर्थन हासिल है और प्रदेश में अपने दम पर शिवसेना का मुख्यमंत्री बनेगा और हमारा मुख्यमंत्री शिवाजी पार्क में शपथ लेगा.
उधर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने रविवार को कहा कि लोगों को जल्दी ही इस बात की जानकारी हो जाएगी कि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में होगी. उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र में असमय हुई बारिश के कारण किसानों की फसल के नुकसान के लिए राज्य सरकार की ओर से दस हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा अपर्याप्त है.
महाराष्ट्र में जारी खींचतान के बीच क्या किंगमेकर बनेंगे शरद पवार?
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए मतदान के परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री का पद साझा करने को लेकर जबरस्त खींचतान चल रही है और अब तक सरकार गठन को लेकर औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हो सकी है. ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘आपको आने वाले दिनों में जानकारी हो जाएगी कि शिवसेना (प्रदेश में) सत्ता में होगी.'' इसके बाद पूछे गए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से उद्धव ने मना कर दिया. पिछले महीने असमय हुई बारिश के बाद वह फसल के नुकसान का जायजा लेने के लिए औरंगाबाद आए थे. ठाकरे ने कहा कि उन्होंने कन्नड एवं वैजापुर जिलों के किसानों के साथ बातचीत की. उन्होंने राज्य नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘क्षति की समीक्षा हेलीकॉप्टर से नहीं की जा सकती है.''
ठाकरे ने कहा, ‘‘बेमौसम हुई बारिश के कारण किसानों के फसल नुकसान के लिए दस हजार करोड़ का मुआवजा अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकार उन्हें मिलने ही चाहिए. ठाकरे ने केंद्र सरकार से यह मांग की कि वह लोगों को यह बताए कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक सहयोग (आरसीईपी) से देश को किस प्रकार फायदा होगा.
आरसीईपी में आसियान के दस देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे छह अन्य देश शामिल हैं जो मुक्त व्यापार के लिए बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करने के परिणामस्वरूप किसानों, दुकानदारों और छोटे उद्यमों के लिए ‘अनकही कठिनाई' होगी.
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(इनपुट भाषा से...)
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