हार्दिक पटेल का फाइल फोटो...
अहमदाबाद:
पटेल आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले हार्दिक पटेल ने मांग की है कि राज्य में 2002 के दंगों के विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए गए पटेल समुदाय के युवाओं को रिहा किया जाए. इसके अलावा हार्दिक ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वो इन युवाओं को रिहा नहीं करवाएंगे, क्योंकि पीएम मोदी दुनिया के सामने खुद को धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पेश करना चाहते हैं.
पटेल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पटेल समुदाय के उन 102 लोगों के नाम शामिल किए हैं, जिन्हें 2002 के दंगों के विभिन्न मामलों में दोषी साबित किया गया है और उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
पटेल ने पत्र में लिखा है, 'सभी जानते हैं कि मोदी 2002 दंगे का लाभ उठाकर पहले मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने हैं'.
पटेल फिलहाल उदयपुर में रह रहे हैं, क्योंकि गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देते समय कहा कि उन्हें राज्य से बाहर रहना होगा.
पत्र में लिखा है, 'ये सभी पटेल युवा गुजरात की में सड़ रहे हैं. मोदीजी अभी प्रधानमंत्री हैं. वो फिलहाल राष्ट्रपति से सिफारिश कर सकते हैं कि पटेल युवाओं को छोड़ दिया जाए'.
पटेल ने आगे लिखा है, 'लेकिन मैं जानता हूं कि मोदी जी ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वो देश और दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि वो धर्मनिरपेक्ष नेता हैं. मोदीजी ने गुजरातियों खासकर पाटीदारों का गलत इस्तेमाल किया है'.
एक साल हो चुका है जब हार्दिक ने पटेलों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने के लिए आंदोलन शुरू किया था. पिछले साल 25 अगस्त को पाटीदारों की एक बड़ी रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें करोड़ों रुपयों की निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। यही नहीं एक पुलिसकर्मी समेत 11 लोगों भी मारे गए थे.
बाद में राजद्रोह के आरोप में हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें करीब नौ महीने तक जेल में रहना पड़ा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटेल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पटेल समुदाय के उन 102 लोगों के नाम शामिल किए हैं, जिन्हें 2002 के दंगों के विभिन्न मामलों में दोषी साबित किया गया है और उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
पटेल ने पत्र में लिखा है, 'सभी जानते हैं कि मोदी 2002 दंगे का लाभ उठाकर पहले मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने हैं'.
पटेल फिलहाल उदयपुर में रह रहे हैं, क्योंकि गुजरात उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देते समय कहा कि उन्हें राज्य से बाहर रहना होगा.
पत्र में लिखा है, 'ये सभी पटेल युवा गुजरात की में सड़ रहे हैं. मोदीजी अभी प्रधानमंत्री हैं. वो फिलहाल राष्ट्रपति से सिफारिश कर सकते हैं कि पटेल युवाओं को छोड़ दिया जाए'.
पटेल ने आगे लिखा है, 'लेकिन मैं जानता हूं कि मोदी जी ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वो देश और दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि वो धर्मनिरपेक्ष नेता हैं. मोदीजी ने गुजरातियों खासकर पाटीदारों का गलत इस्तेमाल किया है'.
एक साल हो चुका है जब हार्दिक ने पटेलों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने के लिए आंदोलन शुरू किया था. पिछले साल 25 अगस्त को पाटीदारों की एक बड़ी रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें करोड़ों रुपयों की निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था। यही नहीं एक पुलिसकर्मी समेत 11 लोगों भी मारे गए थे.
बाद में राजद्रोह के आरोप में हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें करीब नौ महीने तक जेल में रहना पड़ा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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