पठानकोट हमले की फाइल फोटो।
पठानकोट:
एनआईए ने पठानकोट के आतंकी हमले की जांच शुरू कर दी है। तीन मामले दर्ज किए गए हैं। एनआईए के सामने अहम सवाल यह है कि आतंकी एयरबेस तक पहुंचे कैसे और क्या रास्ते में उन्हें अंदरूनी मदद मिलती रही? इस मामले में अपहृत एसपी सलविंदर सिंह की भूमिका पर भी एनआईए की नजर है।
एनआईए की टीम नहीं कर रही एसपी की बातों पर भरोसा
गुरदासपुर के एसपी रहे सलविंदर सिंह को लेकर एनआईए की टीम कोलियां नाम के उस गांव में पहुंची जहां उनके मुताबिक उनका आतंकियों अपहरण कर लिया था। सलविंदर सिंह बताते रहे कि उनके साथ क्या-क्या हुआ।
एसपी नहीं दे रहे सही जवाब : एनआईए
वैसे रात ढाई बजे आतंकियों के हत्थे चढ़ने से करीब पांच घंटे पहले सलविंदर सिंह तल्लूर की इस मजार में थे। वे बार-बार यही बता रहे हैं कि यहां वे आते-जाते रहते हैं। लेकिन मजार के खादिम को न उनके ताजा दौरे की याद है और न ही उनके बार-बार आने की।
दरअसल एसपी यह नहीं बता पा रहे कि तल्लूर की इस मजार में आने के बाद वे कहां-कहां गए। यहां से 15 किलोमीटर दूर कोलाई में उनको आतंकियों ने रोका तो रात के ढाई बजे थे। बीच में साढ़े पांच घंटे वे कहां रहे, इसकी खबर नहीं है।
एनआईए के सामने कई अहम सवाल
आतंकियों को मिली पाकिस्तान से मदद
वैसे एनआईए के सूत्रों के मुताबिक इसमें संदेह नहीं कि आतंकियों को सीमा पार से मदद मिली है। जो हथियार मिले हैं, वे इतने इंप्रोवाइज़्ड हैं जो किसी पेशेवर सेना की मदद के बिना संभव नहीं। तो इन सब सवालों के जवाब खोजती पठानकोट से दीनानगर तक की छानबीन में लगी है एनआईए।
एनआईए की टीम नहीं कर रही एसपी की बातों पर भरोसा
गुरदासपुर के एसपी रहे सलविंदर सिंह को लेकर एनआईए की टीम कोलियां नाम के उस गांव में पहुंची जहां उनके मुताबिक उनका आतंकियों अपहरण कर लिया था। सलविंदर सिंह बताते रहे कि उनके साथ क्या-क्या हुआ।
एसपी नहीं दे रहे सही जवाब : एनआईए
वैसे रात ढाई बजे आतंकियों के हत्थे चढ़ने से करीब पांच घंटे पहले सलविंदर सिंह तल्लूर की इस मजार में थे। वे बार-बार यही बता रहे हैं कि यहां वे आते-जाते रहते हैं। लेकिन मजार के खादिम को न उनके ताजा दौरे की याद है और न ही उनके बार-बार आने की।
दरअसल एसपी यह नहीं बता पा रहे कि तल्लूर की इस मजार में आने के बाद वे कहां-कहां गए। यहां से 15 किलोमीटर दूर कोलाई में उनको आतंकियों ने रोका तो रात के ढाई बजे थे। बीच में साढ़े पांच घंटे वे कहां रहे, इसकी खबर नहीं है।
एनआईए के सामने कई अहम सवाल
- पहला तो यह कि इस पूरे हमले में क्या ड्रग्स कार्टेल और नेटवर्क का कोई भी हाथ रहा है?
- दूसरा यह कि आतंकियों ने जो हथियार इस्तेमाल किए, क्या वे पहले एयरबेस पहुंच गए थे?
- तीसरा यह कि स्थानीय स्तर पर कहां-कहां आतंकियों को मदद मिली?
आतंकियों को मिली पाकिस्तान से मदद
वैसे एनआईए के सूत्रों के मुताबिक इसमें संदेह नहीं कि आतंकियों को सीमा पार से मदद मिली है। जो हथियार मिले हैं, वे इतने इंप्रोवाइज़्ड हैं जो किसी पेशेवर सेना की मदद के बिना संभव नहीं। तो इन सब सवालों के जवाब खोजती पठानकोट से दीनानगर तक की छानबीन में लगी है एनआईए।
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