पठानकोट हमले की फाइल फोटो।
नई दिल्ली:
पठानकोट में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए भारत आया पाकिस्तानी जांच दल सोमवार को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानि कि एनआईए के मुख्यालय पहुंची। पांच सदस्यीय टीम के सामने एनआईए के अधिकारियों ने 90 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही हमले से जुड़े सारे तथ्य और वे सबूत सौंपे, जिनसे साफ पता चला चलता है हमले में पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद आतंकी शामिल थे।
जेआईटी का रवैया ठीक, कई मांगें रखीं
एनआईए के सूत्रों का कहना है कि अब तब पाकिस्तानी ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) का रवैया ठीक रहा है क्योंकि जब एनआईए ने जैश के आतंकी हमले में शामिल होने की बात की तो पाक टीम ने सबतों को पूरी तरह खारिज नहीं किया। वैसे पाकिस्तानी टीम ने कई मांगें रखी हैं मसलन एसपी सलविंदर सिंह का रिकार्ड, एफआईआर की कॉपी, एयरबेस कमांडर से पूछताछ की इजाजत और यह भी कि जानकारी के अलर्ट के बाद सुरक्षा कैसे पुख्ता की। यह टीम सीमा पर उस जगह पर भी जाना चाहती है जहां से आतंकी भारत में घुसे थे।
सभी मांगें नहीं मानी जाएंगी
सरकार के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सारे मांगें तो मानी नहीं जा सकती हैं लेकिन कुछ मांगें जरूर मानी जाएंगी ताकि उन्हें कुछ बहाना न मिले। अब भारतीय जांच दल भी पाकिस्तान जाएगा। भारतीय दल जैश के मुख्यालय के साथ मारे गए आंतकियों के घर जाना चाहेगा और साथ ही मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई से पूछताछ के साथ उनकी आवाजों के सेंपल भी लेना चाहेगा।
मंगलवार को यह टीम पठानकोट जाएगी लेकिन इस टीम को एयरबेस के तकनीकी हिस्से में नही ले जाया जाएगा। सिर्फ उसी जगह ले जाया जाएगा जहां आतंकी घटना हुई थी।
कांग्रेस और आप ने केंद्र सरकार को लताड़ा
इधर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि जांच टीम में आईएसआई के सदस्य को क्यों शामिल किया गया है। सरकार ने तो इनके स्वागत में रेड कार्पेट तक बिछा रखी है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या अब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद खत्म हो गया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी ने पाकिस्तान के सामने घुटने टेक दिए हैं।
गौरतलब है कि 2 जनवरी को पठानकोट में हुए आतंकी हमले में सात जवानों की जान चली गई थीं। 6 आतंकी मारे गए जिनके पास से कई ऐसे सबूत मिले जिनसे पता चलता है कि आतंकी पाक से आए थे।
जेआईटी का रवैया ठीक, कई मांगें रखीं
एनआईए के सूत्रों का कहना है कि अब तब पाकिस्तानी ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) का रवैया ठीक रहा है क्योंकि जब एनआईए ने जैश के आतंकी हमले में शामिल होने की बात की तो पाक टीम ने सबतों को पूरी तरह खारिज नहीं किया। वैसे पाकिस्तानी टीम ने कई मांगें रखी हैं मसलन एसपी सलविंदर सिंह का रिकार्ड, एफआईआर की कॉपी, एयरबेस कमांडर से पूछताछ की इजाजत और यह भी कि जानकारी के अलर्ट के बाद सुरक्षा कैसे पुख्ता की। यह टीम सीमा पर उस जगह पर भी जाना चाहती है जहां से आतंकी भारत में घुसे थे।
सभी मांगें नहीं मानी जाएंगी
सरकार के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सारे मांगें तो मानी नहीं जा सकती हैं लेकिन कुछ मांगें जरूर मानी जाएंगी ताकि उन्हें कुछ बहाना न मिले। अब भारतीय जांच दल भी पाकिस्तान जाएगा। भारतीय दल जैश के मुख्यालय के साथ मारे गए आंतकियों के घर जाना चाहेगा और साथ ही मौलाना मसूद अजहर और उसके भाई से पूछताछ के साथ उनकी आवाजों के सेंपल भी लेना चाहेगा।
मंगलवार को यह टीम पठानकोट जाएगी लेकिन इस टीम को एयरबेस के तकनीकी हिस्से में नही ले जाया जाएगा। सिर्फ उसी जगह ले जाया जाएगा जहां आतंकी घटना हुई थी।
कांग्रेस और आप ने केंद्र सरकार को लताड़ा
इधर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि जांच टीम में आईएसआई के सदस्य को क्यों शामिल किया गया है। सरकार ने तो इनके स्वागत में रेड कार्पेट तक बिछा रखी है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या अब पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद खत्म हो गया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी ने पाकिस्तान के सामने घुटने टेक दिए हैं।
गौरतलब है कि 2 जनवरी को पठानकोट में हुए आतंकी हमले में सात जवानों की जान चली गई थीं। 6 आतंकी मारे गए जिनके पास से कई ऐसे सबूत मिले जिनसे पता चलता है कि आतंकी पाक से आए थे।
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