टिहरी डैम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संसद की एक समिति ने कहा है कि उत्तराखंड में टिहरी परियोजना द्वारा क्षेत्र में पौधारोपण कार्य नहीं करने के कारण भूस्खलन के रूप में बड़ा पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न हो गया है और ऐसे में वृक्षारोपण दीर्घकालीन समाधान साबित हो सकते हैं. लोकसभा में पेश गृह मंत्रालय से संबंधित आपदा प्रबंधन पर याचिका समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में 1400 मेगावाट का विद्युत उत्पादन कर रही टिहरी परियोजना ने क्षेत्र में पौधारोपण कार्य पर ध्यान नहीं दिया है जिससे पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हुआ है.
समिति ने गौर किया कि पर्वतों पर बार-बार होने वाले भूस्खलन को कम करने में वृक्षारोपण दीर्घकालीन समाधान साबित हो सकता है. समिति ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की कि वह राज्य सरकारों को सलाह दे कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें स्थानीय लोगों को पौधारोपण कार्य कलापों में शामिल किया जा सके. साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यकलापों को इसमें प्रभावी तरीके से शामिल करने की भी समिति ने सिफारिश की है.
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समिति ने कहा कि वह चाहती है कि समुदाय को तेजी से बदलती जलवायु की स्थितियों और पर्वतीय क्षेत्रों में मानव निर्मित अंधाधुंध निर्माण कार्य से हरियाली को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए. समिति ने कहा कि आसन्न आपदा एवं इससे निपटने की तैयारी का मूल्यांकन करने के बारे में उपग्रह से प्राप्त चित्र काफी महत्वपूर्ण हैं.
VIDEO: सुंदरवन के पर्यावरण को बचाने की मुहिम (इनपुट भाषा से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समिति ने गौर किया कि पर्वतों पर बार-बार होने वाले भूस्खलन को कम करने में वृक्षारोपण दीर्घकालीन समाधान साबित हो सकता है. समिति ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की कि वह राज्य सरकारों को सलाह दे कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें स्थानीय लोगों को पौधारोपण कार्य कलापों में शामिल किया जा सके. साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यकलापों को इसमें प्रभावी तरीके से शामिल करने की भी समिति ने सिफारिश की है.
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समिति ने कहा कि वह चाहती है कि समुदाय को तेजी से बदलती जलवायु की स्थितियों और पर्वतीय क्षेत्रों में मानव निर्मित अंधाधुंध निर्माण कार्य से हरियाली को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए. समिति ने कहा कि आसन्न आपदा एवं इससे निपटने की तैयारी का मूल्यांकन करने के बारे में उपग्रह से प्राप्त चित्र काफी महत्वपूर्ण हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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