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3 years ago
नई दिल्ली:

Parliament Winter Session Highlights: संसद में 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे बवाल जारी है. संसद भवन (Parliament Winter Session) में गांधी प्रतिमा के सामने राज्यसभा के निलंबित सांसदों ने धरना देना शुरू कर दिया है. उनके समर्थन में कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी मौजूद हैं. वहीं निलंबित सांसदों ने कहा है कि जनता का सवाल उठाते रहेंगे. किसानों की आवाज बनते रहेंगे.  माफी किसी भी हाल में नहीं मानेंगे. सांसदों का कहना है कि सरकार को बहुमत मिल गया है तो तानाशाही रवैया अपनाए हुए है.

सभापति वेंकैया नायडू ने बिना माफी मांगे निलंबन रद्द करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले खबर आई थी कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयास आखिरकार काम कर गए. सदन में गतिरोध टूट गया है. अब विपक्ष के सहयोग से सदन निर्बाध चलेगा. स्पीकर ओम बिरला की बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग में ये फैसला हुआ. विपक्ष भी सदन के कार्यवाही में सहभागिता निभाएगा. बैठक में शामिल अधीर रंजन चौधरी, टी आर बालू, सौगत रॉय, कल्याण बनर्जी, सुप्रिया सुले मौजूद रहे. इसके साथ ही  पीवी मिधुन रेड्डी, नमा नागेश्वर राव, अनुभव मोहंती, पिनाकी मिश्रा, जयदेव गल्ला भी उपस्थित थे. 

दरअसल कृषि बिल बिना चर्चा के पास करवाने को लेकर फिर 12 सांसदों के निलंबन को लेकर सदन में गतिरोध दिख रहा है. दरअसल, अगस्त में मॉनसूत्र सत्र में हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ इस सत्र में कार्रवाई हुई है. विपक्षी सांसदों का कहना है कि ये निलंबन पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है. उनका कहना है कि सदस्यों को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है और मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो गया था. ऐसे में इस सत्र में निलंबन गलत है. यहां तक कि विपक्षी सांसदों की ओर से पूरे सत्र के बहिष्कार तक की बात कही जा रही थी. 

Here are Updates on Parliament Winter Session 2021 : 

रामगोपाल यादव बोले- सरकार के बयान सुन सुनकर कान पक गए हैं

इस पूरे मामले पर समाजवादी नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि  आप जानते हैं इस सरकार के बयान सुन सुनकर कान पक गए हैं. अब सरकार के बयान का कोई नोटिस ही नहीं करता.
किसानों की मौत के डाटा से जुड़े बवाल पर ये बोले केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा- लोकल अथॉरिटी से रजिस्टर्ड डेथ के आंकड़े राज्य प्रशासन के पास भेजे जाते हैं और फिर वह केंद्र सरकार के पास पहुंचता है.  इस सरकारी प्रक्रिया के जरिए आंकड़े केंद्र के पास पहुंचते हैं . यह डाटा गृह मंत्रालय के पास जमा होता है. इसमें आंकड़े छुपाने की बात नहीं है.
राज्यसभा दोपहर 3 बजे तक स्थगित
विधेयक पेश करने के दौरान विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण राज्यसभा दोपहर 3 बजे तक स्थगित
राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री नित्यानंद राय ने दिया जवाब

जहां किसान आंदोलन के दौरान मौतें हुई हैं, वहां के आंकड़े भेजे राज्य सरकार : सांसद जगदंबिका पाल
सांसद जगदंबिका पाल ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत से जुड़े सवाल पर कृषि मंत्री की सफाई पर कहा कि कृषि राज्य का विषय है. किसान आंदोलन के दौरान अगर मौते हुई हैं तो राज्य सरकारों को भारत सरकार को यह आंकड़े भेजने चाहिए. जब वह आंकड़े भेजेंगे, तभी भारत सरकार उन्हें संसद में पेश कर सकेगी. जिस तरह से यह कहा गया है कि 700 मौतें हुई हैं, इसकी जानकारी कहां है?  पहले राज्य स्वीकार करें कि उनके यहां किसान आंदोलन के दौरान मौतें हुई हैं. 

किसान संगठन जो आंकड़े दे रहे हैं, उस पर भी विचार करना होगा : सांसद हरनाथ सिंह यादव
बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने एनडीटीवी से कहा कि कृषि मंत्री का जवाब वाजिब है. उन्होंने ठीक कहा है. सवाल यह है कि आंदोलन के दौरान न कोई गोलीकांड हुआ और न ही लाठीचार्ज हुई . किस किसान की मृत्यु कैसे हुई, इसकी बिना जांच के सरकार आंकड़े कैसे दे सकती है? किसान संगठन जो आंकड़े दे रहे हैं, उस पर भी विचार करना होगा . बिना आंकड़े के सरकार किसी भी प्रस्ताव पर आगे कार्रवाई कैसे कर सकती है? 

जम्मू-कश्मीर पर गृह मंत्रालय ने कहा
कृषि मंत्री का जवाब दिखाता है कि सरकार कितनी असंवेदनशील है : सांसद प्रताप सिंह बाजवा
कांग्रेस नेता और पंजाब से राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने एनडीटीवी से कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का यह बयान कि सरकार के पास आंकड़ा नहीं है कि कितने किसानों की दिल्ली एनसीआर इलाके में आंदोलन के दौरान मौत हुई, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.  कृषि मंत्री का जवाब दिखाता है कि सरकार कितनी असंवेदनशील है.  सरकार के पास देश में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन के रिकॉर्ड हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली की सीमा पर कितने किसानों की डेथ हुई, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.  
'विरोध-प्रदर्शन में किसानों की मौत का कोई डेटा नहीं, फिर मुआवजे का सवाल कैसा?' संसद में बोली सरकार
केंद्र सरकार ने कहा है कि उसके पास किसान आंदोलन (Farmers Protest)  के दौरान मरने वाले किसानों और उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामलों की जानकारी नहीं है. ऐसे में किसी को वित्तीय सहायता यानी मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar)  ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में एक सवाल के जवाब में लोकसभा में ये लिखित जवाब दिया है.

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सांसद बोले, जनता का सवाल उठाते रहेंगे, माफी नहीं मांगेगे
अखिलेश प्रसाद सिंह, ईलमरम करीम, छाया वर्मा, प्रियंका चतुर्वेदी, रूपेन बोरा, डोला सेन, शांता छेत्री निलंबित सांसदों में से हैं. ये गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हैं. सांसदों का कहना है ये जनता का सवाल उठाते रहेंगे. किसानों की आवाज बनते रहेंगे.  माफी किसी भी हाल में नहीं मानेंगे. सांसदों का कहना है कि सरकार को बहुमत मिल गया है तो तानाशाही रवैया अपनाये हुए है. 
सांसद बोले, सरकार का रवैया तानशाही
सांसदों का कहना है कि सरकार तानशाही रवैया अपनाई हुई है. संवाद की प्रक्रिया के पक्ष में भी नही हैं. सवाल पूछने के लिए माफी नहीं मांगेंगे. अभी भी धरना जारी है
वेंकैया नायडू से मिलेंगे विपक्षी दलों के नेता
12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 16 विपक्षी दलों के नेता फिर सभापति वेंकैया नायडू से मिलेंगे. 
गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष के सांसदों का धरना जारी
संसद में 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे बवाल जारी है. विपक्ष के सांसद राज्यसभा के निलंबित सांसद के समर्थन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं .

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