दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और रंगभेद विरोधी आंदोलन के अगुवा रहे नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि देने के बाद शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में सभी दलों के सांसदों ने मंडेला को एक प्रेरणादायी शख्सियत के रूप में याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जैसे हमने अपने प्यारे पिता को खो दिया है। सोनिया ने कहा, उन्होंने साहस और बलिदान को फिर से परिभाषित किया है। महात्मा गांधी से प्रेरणा लेने वाले मंडेला उन्हीं की तरह हर वर्ग के लोगों से जुड़े हुए थे।
गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, हम भारत रत्न नेल्सन मंडेला को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हैं। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ लंबा संघर्ष किया और कई सालों तक जेल में रहे और अब भी उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने अपने दक्षिण अफ्रीका दौरे को याद किया, जब वह मंडेला से मिली थीं और उस जेल का दौरा किया था, जिसमें मंडेला 27 साल तक रहे थे। उन्होंने कहा, मेरे लिए यह दौरा किसी तीर्थस्थल की तरह था, जहां से मुझे अब भी प्रेरणा मिलती है। उनके मानवाधिकारों के आदर्श एक मार्गदर्शक की तरह अभी भी जिंदा है।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने मंडेला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, साहस और अच्छाई का मंडेला का संदेश सालों तक हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने उस समय को भी याद किया, जब 1990 में मंडेला को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से नवाजा गया था। दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का गुरुवार को जोहांसबर्ग स्थित उनके घर में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।
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