पटना:
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस को भय के माहौल में रखना चाहते हैं.
पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री की 'निश्चय यात्रा' को शुद्ध रूप से राजनीतिक यात्रा करार देते हुए कहा कि इसका मकसद सिर्फ अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना है. उन्होंने कहा कि 'सात निश्चय' जनता के साथ छलावा है और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि विकास के दावों के बीच आखिर शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरी तरह विफल क्यों साबित हो रही है? व्यवस्था बदहाल क्यों हो गई है? इसके लिए 'सात निश्चय' में कोई व्यवस्था नहीं है.
सांसद ने कहा, "सरकार हर मोर्चे पर अनिश्चय के दौर से गुजर रही है. अपने अनिश्चय और अंतर्विरोध में सरकार उलझ कर रह जाएगी और जनता बदहाल होती रहेगी." केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम साहसिक है और जन अधिकार पार्टी इसका स्वागत करती है. इससे आंतकी गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है, लेकिन किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री की 'निश्चय यात्रा' को शुद्ध रूप से राजनीतिक यात्रा करार देते हुए कहा कि इसका मकसद सिर्फ अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना है. उन्होंने कहा कि 'सात निश्चय' जनता के साथ छलावा है और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि विकास के दावों के बीच आखिर शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरी तरह विफल क्यों साबित हो रही है? व्यवस्था बदहाल क्यों हो गई है? इसके लिए 'सात निश्चय' में कोई व्यवस्था नहीं है.
सांसद ने कहा, "सरकार हर मोर्चे पर अनिश्चय के दौर से गुजर रही है. अपने अनिश्चय और अंतर्विरोध में सरकार उलझ कर रह जाएगी और जनता बदहाल होती रहेगी." केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम साहसिक है और जन अधिकार पार्टी इसका स्वागत करती है. इससे आंतकी गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है, लेकिन किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
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