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मजाक समझ रखा है क्या, अपने काम से काम रखो..., पप्पू यादव को लॉरेंस विश्नोई गैंग से धमकी

एक अंजान नंबर से पप्पू यादव को कॉल किया गया. उसने पप्पू यादव को नसीहत दी कि वो अपने काम से काम रखे और लॉरेंस के खिलाफ किसी तरह का कोई बयान न दें.

पप्पू यादव को लॉरेंस विश्नोई की धमकी

लॉरेंस विश्नोई गैंग ने बिहार में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को धमकी दी है. दरअसल, पप्पू यादव ने हाल में ही लॉरेंस विश्नोई गैंग के खिलाफ बयान दिया था, जिसमें उन्होंने पूरे गैंग के सफाये का दावा किया था. उन्होंने ये बयान मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद मीडिया से बातचीत में दिया था. इसी के चलते आज एक अंजान नंबर से पप्पू यादव को कॉल किया गया और फोन करने वाला व्यक्ति दावा कर रहा था कि वो लॉरेंस विश्नोई का खास है. उसने पप्पू यादव को नसीहत दी कि वो अपने काम से काम रखे और लॉरेंस के खिलाफ किसी तरह का कोई बयान न दे. वो सभी पप्पू यादव को एक बड़े भाई के तौर पर देखते हैं और उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.

पप्पू यादव ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी

पप्पू यादव ने इस धमकी भरे कॉल के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखा है, जिसमें उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और सुरक्षा के बारे में भी बात की. पप्पू यादव ने वो ऑडियो मीडिया में जारी कर दिया है.

ऑडियो में शख्स दे रहा है ऐसे धमकी

ऑडियो में एक शख्स कहता दिखाई दे रहा है कि तुझे बड़ा भाई बनाया, ऊपर से भाई का फोन नहीं उठाया. मजाक समझ रखा है क्या... भाई को ये सिला दिया. शर्मिंदा करवा दिया.बड़े भाई का फर्ज तो निभा देता. तेरे से कुछ मांगा नहीं, फिर ऐसा क्यों किया. भाई से बात करवाऊंगा, मसला सुलझा ले अपना. तेरी बेबाकी पसंद थी.

तूने कहा था एक बार टीवी पर कि जितनी आपकी उम्र है, उतनी बार विधायक रह चुका हूं. पसंद आई थी ये बात... क्या किया तुमने, हमारी इज्जत नहीं रखी. जेल का जैमर बंद करवाकर फोन किया. बिश्नोई भाई से खाली होकर बात करना. जेल का जैमर बंद करवाने के मिनट के लाख रुपये लग रहे हैं. मजाक समझ रखा है. क्या जवाब दूं कि मैंने बड़ा भाई बना लिया...

पप्पू यादव ने आखिर कहा क्या था

पप्‍पू यादव ने ओपन चैलेंज करते हुए कहा था कि जेल में बैठा एक अपराधी सरकार को चुनौती दे रहा है.हत्या कर रहा है. सब मूकदर्शक बने हैं. अगर कानून इजाजत देता है तो मैं 24 घंटे के अंदर लॉरेंस बिश्नोई के पूरे नेटवर्क को खत्म कर दूंगा.वह बाबा सिद्दीकी के मर्डर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे और उन्होंने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का मुद्दा उठाया था.बता दें कि 12 अक्टूबर को बांद्रा के निर्मल नगर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या उस समय की गई जब वह अपने बेटे के दफ्तर से बाहर निकल रहे थे. इस घटना को तीन लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था. 

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