
45 दिन के अल्पकालिक वीजा पर जलगांव आए एक पाकिस्तानी परिवार को दीर्घकालिक वीज़ा मिलने से राहत मिली है. यदि उन्हें दीर्घकालिक वीजा (Long Term) नहीं मिला होता तो संभवतः परिवार को पाकिस्तान लौटना पड़ता. लेकिन समय पर दीर्घकालिक वीज़ा मिलने से परिवार को बड़ी राहत मिली है. श्रीचंद दास सात दिन पहले अपने परिवार के साथ 45 दिनों के वीजा पर पाकिस्तान से जलगांव आए थे. जलगांव में आते ही पहलगाम में आतंकवादी हमला हो गया. इसके बाद सरकार ने अल्पावधि प्रवास पर भारत आए लोगों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया. इस बीच, श्रीचंद दास ने अपने पूरे परिवार के लिए दीर्घकालिक वीज़ा के लिए जलगांव पुलिस प्रशासन से आवेदन किया था.
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महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस
जलगांव जिले में कुल 405 पाकिस्तानी रह रहे हैं
- जिला पुलिस प्रशासन ने जानकारी दी है कि जलगांव जिले में कुल 405 पाकिस्तानी रह रहे हैं.
- जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. महेश्वर रेड्डी ने यह भी बताया कि जिले में पाकिस्तान से आए सभी 405 लोग वैध रूप से रह रहे हैं और उन सभी लोगों की समय-समय पर जांच की जा रही है.
- सभी 405 पाकिस्तानी हिंदू और सिंधी समुदाय से हैं. जिनमें से दो पाकिस्तानियों ने भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली है.
- इन पाकिस्तानियों में से 327 ने दीर्घकालिक वीज़ा के लिए आवेदन किया था.
- इनमें से 19 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है और प्रक्रिया चल रही है.
- इनमें से 27 पाकिस्तानियों ने CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन किया है. विभिन्न स्तरों पर सत्यापन एवं प्रसंस्करण कार्य चल रहा है.
पांच साल का वीजा मिला
दास परिवार को भारत के जलगांव में रहने के लिए पांच साल का दीर्घकालिक वीजा मिल गया है, जो एक बड़ी राहत है. श्रीचंद दास ने पाकिस्तान से भारत आने के बाद इस स्थान के लिए दीर्घकालिक वीजा मिलने पर अपनी अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने आवेदन करने के कुछ ही दिनों के भीतर वीजा प्राप्त करने के लिए पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दिया और प्रशासन की प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि वह दोबारा पाकिस्तान नहीं जाना चाहते, वह अब भारत में ही जलगांव में रहेंगे और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे. वरिष्ठ नागरिक आनंद दास ने कहा कि दीर्घकालिक वीजा मिलने के बाद अब वे कई वर्षों तक यहीं रह सकेंगे और उन्हें दोबारा पाकिस्तान नहीं जाना पड़ेगा.
'दोबारा पाकिस्तान नहीं जाना चाहते'
पाकिस्तान में हर दिन लोग डर में जी रहे हैं. महिलाओं और लड़कियों को उठाकर ले जाया जा रहा है. रोज़ाना की यातना से तंग आकर हम पाकिस्तान छोड़कर भारत के जलगांव आ गए हैं... ऐसी प्रतिक्रियाएं उन पाकिस्तानी नागरिकों और महिलाओं ने व्यक्त की हैं जो दो-तीन साल पहले जलगांव आए थे और दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं. इन पाकिस्तान मूल निवासियों का कहना है की वो दोबारा पाकिस्तान नहीं जाना चाहते, इन परिवारों की मांग है कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाए. तथा हमारे जो रिश्तेदार और परिवार के सदस्य पाकिस्तान में हैं, उन्हें भी भारत लाया जाए.
महिलाओं और नागरिकों ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं. वे पूरे दिन अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे, बाहर जाना तो दूर की बात थी. लड़के-लड़कियों को ले जाया जा रहा था. वे पाकिस्तान में ऐसे दबाव में डर के साये में रहते थे. आगे उन्होंने बताया की चार-पांच दिन पहले ही उनके परिवार के लोग नूरी वीजा पर पाकिस्तान गए थे और अब पहलगाम में हुई घटना के कारण वे पाकिस्तान में फंस गए हैं. इन्होंने मांग की है कि उन्हें भारत लौटने की अनुमति दी जाए.
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