नागपुर से पहलगाम आए एक व्यक्ति ने बताया पहलगाम में कैसा था मंजर
20 मिनट का फासला. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले (Pahalgam Kashmir terrorist attack) में जिंदा बचने वाले महाराष्ट्र के परिवार का कहना है कि इसी 20 मिनट के अंतर ने उन्हें बचाया. पिछले कई सालों में आम नागरिकों में हुए इस सबसे हिंसक आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले को "जघन्य कृत्य" बताकर निंदा की है. जहां यह हमला हुआ वह पहलगाम का समर रिट्रीट था और श्रीनगर से सड़क मार्ग से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. पीएम ने वादा किया है कि हमलावरों को "न्याय के दायरे में लाया जाएगा”.
#WATCH | Anantnag, J&K | A tourist couple from Maharashtra's Nagpur who were present at the spot of the terrorist attack on tourists in Pahalgam, say, "This incident happened when we had just left the place of the incident. We could hear the sound of firing for a long time.… pic.twitter.com/yXF3JLnSMz
— ANI (@ANI) April 22, 2025
व्यक्ति ने बताया कि जंगल की तरफ निकलकर भागने का एक्जिट गेट छोटा था, केवल 4 फीट का और वहां बहुत सारे लोग थे. लौग भागने की कोशिश में एक-दूसरे के उपर गिर रहे थे क्योंकि लोगों को लग रहा था कि अगर पीछे रह गए तो मारे जाएंगे. शख्स ने कहा, "मैं अपनी पत्नी और बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित था. पहाड़ से कूदने की कोशिश में मेरी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हो गया." उनकी पत्नि, जो अस्पताल के बिस्तर पर थी, ने कहा कि लोग चिल्लाए "फायरिंग हो रही है" और वे भागते रहे.
एक टूर गाइड ने एएफपी को बताया कि वह गोलियों की आवाज सुनने के बाद घटनास्थल पर पहुंचा और कुछ घायलों को घोड़े पर बैठाकर ले गया. उसने कहा, "मैंने कुछ लोगों को जमीन पर लेटे हुए देखा जैसे वे मर गए हों."
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