
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी नेताओं के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम मोदी सदन में बताएं कि ट्रंप की सीजफायर रुकवाने की बात झूठ है. पीएम में इंदिरा गांधी का आधा साहस भी है तो सदन में इस बात का जवाब दें.पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा था.
राहुल गांधी का आरोप - इन्होंने ट्रंप के कहने पर सरेंडर कर दिया.
पीएम मोदी का जवाब - जब हमने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, तब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन करके कहा- अब बस करो. दुनिया के किसी नेता ने हमसे ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने ऑपरेशन के दौरान मुझसे बात करने की कोशिश की, मैं फोन नहीं उठा पाया. बाद में बात हुई तो उन्होंने बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जवाब था- अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा.
अखिलेश के सवाल का भी पीएम मोदी ने दिया जवाब
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन महादेव' की टाइमिंग पर सवाल उठाया. केंद्र सरकार के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत पहलगाम आतंकी हमले के तीनों आरोपियों को मार गिराया गया है. लोकसभा में बहस के दौरान अखिलेश यादव ने सिर्फ आतंकियों के एनकाउंटर की टाइमिंग पर सवाल उठाया पीएम मोदी ने अखिलेश यादव के सवाल का भी जवाब दिया और सवाल उठाए जाने पर उन्हें आड़े हाथों लिया.
प्रणीति शिंदे के बहाने कांग्रेस नेतृत्व को घेरा
कांग्रेस की प्रणीति शिंदे द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहे जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने ही उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा होगा. यह एक गंभीर पाप है. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तक कारगिल विजय को स्वीकार नहीं किया है.सशस्त्र बलों के प्रति नकारात्मक रवैया कांग्रेस की पुरानी आदत है. नेहरू ने 80% नदी का पानी पाकिस्तान को दे दिया, केवल 20% भारत के लिए रखा. नेहरू ने बांधनिर्माण के लिए पाकिस्तान को पैसा भी भेजा.
सिंधु जल समझौता पर कांग्रेस को घेरा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान दशकों तक युद्ध और छद्म युद्ध करता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने न तो सिंधु जल समझौते की समीक्षा की, न ही नेहरू की उस बड़ी गलती को कभी सुधारा, लेकिन अब भारत ने वह पुरानी गलती सुधारी है, ठोस निर्णय लिया है.नेहरू द्वारा किया गया वह ऐतिहासिक ब्लंडर 'सिंधु जल समझौता' अब राष्ट्रहित और किसानों के हित में स्थगन में रख दिया गया.देश का अहित करने वाला यह समझौता अब इस रूप में आगे नहीं चल सकता.भारत ने साफ कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते.
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