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लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस: विपक्ष दाग रहा चुभते सवाल तो सत्ता पक्ष दे रहा दनादन जवाब

Highlights: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में महाबहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष ने इस दौरान एक- दूसरे पर जमकर हमला बोला. हालांकि दोनों ने सेना के पराक्रम की जमकर तारीफ की. आइए जानते हैं प्रमुख नेताओं ने क्‍या कहा.

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर महाबहस: विपक्ष दाग रहा चुभते सवाल तो सत्ता पक्ष दे रहा दनादन जवाब
  • लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की बहस की शुरुआत विपक्ष के हंगामे के कारण देर से हुई
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर उचित और सटीक सवाल नहीं पूछे हैं
  • राजनाथ सिंह ने 1962 और 1971 के युद्धों के दौरान विपक्ष के सवालों का उदाहरण देते हुए परिणाम को महत्व दिया
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नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में सोमवार का दिन ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के नाम रहा. सत्ता पक्ष और विपक्ष ने इस दौरान एक- दूसरे पर जमकर हमला बोला, जहां सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के सेना के पराक्रम पर सवाल उठाने का मुद्दा उठाया तो विपक्ष की सबसे बड़ी आपत्ति सीजफायर को लेकर डोनाल्‍ड ट्रंप के ऐलान को लेकर थी. हालांकि हर किसी ने इस दौरान सेना के पराक्रम को सराहा. ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की महाबहस की शुरुआत दोपहर 12 बजे शुरू हुई. यह बहस मंगलवार को भी जारी रहेगी. आइए जानते हैं कि सोमवार को इस बहस में प्रमुख नेताओं ने क्‍या कहा.

'गोरा' भारत के युद्धविराम की घोषणा करेगा?: ओवैसी

असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा, "जिस देश के साथ हमारे स्‍टेटिक रिलेशनशिप हैं, उसे अपना दोस्‍त कहते हैं, उस देश का राष्‍ट्रपति उस शख्‍स को अपने साथ खाना खिलाता है, जिसके भाषण से हमारे लोग मारे गए थे तो क्‍या आपकी विदेश नीति कामयाब हुई, आप देख लीजिये." उन्‍होंने कहा, "हमारे देश के संविधान की प्रस्‍तावना में एक शब्‍द है संप्रुभ. इसका मतलब है कि हम अपने मुल्‍क के मुकद्दर का फैसला करेंगे. एक गोरा व्‍हाइट हाउस में बैठकर भारत के सीजफायर का ऐलान करेगा."

उन्‍होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी की एक अहम वजह ये थी कि मुल्‍क में एकता पैदा हो गई थी. एक यूफोरिया पैदा हो गया था. मगर अफसोस कि हुकूमत ने उसका फायदा नहीं उठाया. साथ ही कहा कि पाकिस्‍तान की फौज, पाकिस्‍तान की आईएसआई, पाकिस्‍तान का डीप स्‍टेट का मकसद है कि भारत को हमेशा कमजोर किया जाए. हमको इन ताकतों को कमजोर करना है तो देश में एकता को बरकरार रखना होगा. 

उन्‍होंने कहा कि अगर हम बुलडोजर या फिर जबरन या मजहबी फिरकापरस्‍ती के जरिए अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाएंगे तो हम उन पड़ोसी मुल्‍क के दहशतगर्दों को कामयाब कर रहे हैं.

जब राष्‍ट्र का प्रश्‍न हो तो हम एक हैं, हम एक मत हैं: अनुराग ठाकुर

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सदन में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, "अब तक जितने भी विपक्षी सांसदों ने यहां बात की है, उनमें से एक भी सांसद ने खड़े होकर यह नहीं कहा कि इस आतंकी हमले में लोगों से उनका धर्म पूछा गया, कलमा पढ़ने को कहा गया, उनकी पैंट उतारी गई और फिर उन्हें मार दिया गया. मुझे बताइए कि विपक्षी सांसदों को ऐसा कहने में क्या दर्द था? जब रक्षा मंत्री भारतीय सेना की उपलब्धियों पर चर्चा कर रहे थे, तब कोई तालियां नहीं बज रही थीं, कोई मेज नहीं थपथपा रहा था."

अनुराग ठाकुर ने कहा, "जो प्रतिनिधिमंडल माननीय प्रधानमंत्री मोदीजी ने दुनिया भर में भेजे, उन सात प्रतिनिधिमंडल में से एक में मुझे भी जाने का मौका मिला. सुप्रिया जी हमारा नेतृत्‍व कर रही थीं. मैं सदन में एक बात कहना चाहता हूं कि यह जो प्रतिनिधिमंडल थे, यह किसी दल या विचारधारा का प्रतिनिधित्‍व कर रहे थे. हम राष्‍ट्र का प्रतिनिधित्‍व कर रहे थे. हमारे मत अलग हो सकते हैं, मत-मतांतर हो सकता है. मत भिन्‍नता हो सकती है, मन का भेद हो सकता है, लेकिन जब राष्‍ट्र का प्रश्‍न हो तो हम एक हैं, हम एक मत हैं. हम भारत के पक्ष में हैं. हम सबके लिए राष्‍ट्र सर्वोपरी है, मैं कह सकता हूं कि सातों के सातों प्रतिनिधिमंडल में में किसी भी दल का कोई भी सांसद हो, उसने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की बात की. "

पहलगाम हमले के बाद कड़ा संदेश देना जरूरी था: एस जयशंकर

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोमवार को लोकसभा में चर्चा हुई. इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि हम आतंकियों और पाकिस्‍तान को संदेश देना चाहते थे कि आतंकवाद को यह समर्थन अब जारी नहीं रह सकता है और 7 मई की रात को यह जोरदार और स्पष्ट रूप से दिया गया. उन्‍होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक स्पष्ट, कड़ा और दृढ़ संदेश देना जरूरी था. हमारी सीमा रेड लाइन पार कर ली गई थीं और हमें यह स्पष्ट करना था कि इसके गंभीर परिणाम होंगे. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हां मैं चीन गया लेकिन सीक्रेट समझौता करने के लिए चीन नहीं गया. 

उन्होंने यह भी साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई. जयशंकर ने कहा, "22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई."

193 में से PAK सहित 4 देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया: जयशंकर

उन्‍होंने कहा कि हमारी कूटनीति का केंद्र बिंदु संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद था. हमारे लिए चुनौती यह थी कि इस विशेष समय में पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का सदस्य है और हम नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि अगर आप 25 अप्रैल के सुरक्षा परिषद के बयान पर गौर करें तो सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इस आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 193 देश सदस्य हैं. पाकिस्तान के अलावा केवल 3 देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया था.

20 साल तक वहीं बैठे रहोगे: विपक्षी सांसदों पर बरसे अमित शाह

विदेश मंत्री जयशंकर के भाषण के दौरान विपक्षी सांसद उन्‍हें लगातार टोक रहे थे. इससे सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह काफी खफा हो गए. उन्होंने विपक्षी सांसदों से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत में शपथ लिए हुए विदेश मंत्री पर उन्हें भरोसा नहीं है, जबकि विदेशी बयानों पर भरोसा है. उन्होंने विपक्षी सांसदों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे. इस दौरान उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से जयशंकर को संरक्षण देने की अपील भी की.

अमित शाह ने कहा, "मेरी एक बात की आपत्ति है कि भारत देश का शपथ लिए हुए विदेश मंत्री बयान दे रहे हैं, उन पर विपक्षी सांसदों को भरोसा नहीं है. मैं समझ सकता हूं कि उनकी पार्टी में विदेश का महत्व क्या है. इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी की सारी चीजें यहां थोपी जाएं. इसीलिए ये वहां बैठे हुए हैं और 20 साल तक वहां बैठे रहेंगे."

... तो सीजफायर की क्‍या जरूरत थी.: दीपेंद्र हुड्डा

ऑपरेशन सिंदूर में हमारी फौज ने अपना पराक्रम दिखाया और अपना लोहा मनवाया. एक ऐसा समय आया 9 तारीख के बाद जब दुनिया यह मानने लगी कि हिंदस्‍तान की फौज का अपर हैंड है, हम एडवांटेज की पोजिशन में है, हम दुश्‍मन के गले के नजदीक हैं. लेकिन फिर 10 तारीख को अचानक से सीजफायर. देश की भावना थी कि पाकिस्‍तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए, निर्णायक जवाब दिया जाए. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पाकिस्‍तान घुटनों पर था तो सीजफायर की क्‍या जरूरत थी. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सीजफायर की क्‍या शर्ते थीं, यह देश को सामने रखना चाहिए.

उन्‍होंने कहा कि अमेरिका को भी चुनना होगा. अमेरिका को हिंदुस्‍तान के साथ कैसे संबंध चाहिए. दुनिया की एक शक्ति है हिंदुस्‍तान, भारतवर्ष. अमेरिका, भारतवर्ष की पाकिस्‍तान से बराबरी नहीं कर सकता है. अमेरिका को भी चुनना होगा. मैं आपसे भी कहता हूं कि आपको भी रास्‍ता चुनना होगा या तो आंख दिखाओ या हाथ मिलाओ या तो बातचीत करके अमेरिका से संबंध सुधारो और डोनाल्‍ड को चुप कराओ. डोनाल्‍ड का मुंह बंद कराओ नहीं तो हिंदुस्‍तान में मैकडॉनल्‍ड्स को बंद कराओ. अमेरिका को दोनों घोड़ों पर सवार होकर चलने का अधिकार नहीं है.

  

राष्‍ट्रहित की बात हो तो नया भारत... : शांंभवी चौधरी

लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की पार्टी की 27 साल की सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि इतिहास में ऑपरेशन सिंदूर को स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. इसने भारत के लिए एक न्‍यू नॉर्मल के रूप में स्‍थापित किया है. उन्‍होंने कहा कि विनय और धैर्य जरूर ही महत्‍वपूर्ण गुण है, लेकिन जब धैर्य का बांध टूट जाता है तो भय के बिना उसका कोई उपचार नहीं बचता है. उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार के दृढ़ संकल्‍प और सेनाओं के अदम्‍य शौर्य की वजह से नए भारत को विश्‍व स्‍तर पर स्‍थापित किया ,है. यह नया भारत वो है जो शांति के लिए गौतम बुद्ध और महावीर के पथ पर चलता है, लेकिन जब राष्‍ट्र हित की बात हो तो श्रीराम के धनुष और कृष्‍ण के सुदर्शन को भी उठाना जानता है. उन्‍होंने कहा कि आज भी हमारे देश में ऐसे लोग हैं, जिन्‍हें पहलगाम से ज्‍यादा दुख फिलीस्‍तीन के लिए होता है, क्‍योंकि यह उनकी राजनीति को फायदा नहीं देता है.

उन्‍होंने कहा कि हम बता देना चाहते हैं कि यह नया भारत है जो आतंकी हमलों के बाद मोमबत्तियां नहीं जलाता है बल्कि दुश्‍मनों की चिता को जलाता है.

पाकिस्‍तान ने हर बार आतंक का रास्‍ता अपनाया: बैजयंत पांडा

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आयोजित चर्चा में भाग लिया. उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान का आतंकवाद को प्रायोजित करने का पुराना इतिहास है और यह आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है. उन्‍होंने कहा कि यह कहानी आजादी के बाद से पिछले 78 सालों से चल रही है जब पाकिस्‍तान ने सीमा पार से आतंकी भेजे थे. इसे रोकने के लिए दशकों से करने वाले कई कदम उठाए गए. इनमें पानी पर समझौते, जीती हुई जमीन और हजारों युद्धबंदियों को वापस करने जैसे कदम उठाए गए. बस डिप्‍लोमेसी की गई और पीएम मोदी ने भी 2014 में कोशिश की. पांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया और यहां तक की लाहौर भी गए बिना किसी घोषण और बिना हथियारों के साथ साहस और अच्‍छी भावना और साहस के साथ. हालांकि इसे भारतीय जमीन पर ज्‍यादा आतंकी हमलों और भारतीयों की ज्‍यादा जान लेकर चुकाया गया. उन्‍होंने कहा कि भारत ने हर बार शांति का हाथ बढ़ाया और पाकिस्‍तान ने हर बार आतंक का रास्‍ता अपनाया.

प्रधानमंत्री बोलते नहीं है, ऐक्ट करके दिखाते हैं: ललन सिंह 

पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता दिखाई नहीं पड़ती है. आप बार बार कहते हैं कि प्रधानमंत्री बोलते नहीं है, प्रधानमंत्री बोलते नहीं है, प्रधानमंत्रीजी को बोलना चाहिए... अरे प्रधानमंत्री जी बोलते नहीं है, प्रधानमंत्री जी ऐक्ट करते हैं. वह ऐक्ट करके अपनी ताकत दिखाते हैं. उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया है कि हम ऐक्ट करते हैं. ललन सिंह के यह बोलते ही सदन में मौजूद विदेश मंत्री जयशंकर जोश में मेज थपथपाने लगे.

इस दौरान उन्‍होंने गौरव गोगोई पर निशाना साधा और कहा कि उन्‍होंने एक भी शब्‍द काम की बात नहीं की. ललन सिंह ने कहा कि उन्‍होंने एक भी शब्‍द इस देश की सेना पर, उनके पराक्रम पर और उनके अदम्‍य साहस पर नहीं कहा.

मोदी जी ने 90 रन पर पारी घोषित कर दी.: कल्याण बनर्जी

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्‍याण बनर्जी ने भी अपनी बात रखी. इस दौरान उन्‍होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जल्‍द सीजफायर को लेकर सवाल उठाए और कहा कि मोदी जी ने 90 रन पर पारी घोषित कर दी.

उन्‍होंने कहा, कभी सुना है... 90 रन हो गया कोई बोलेगा इनिंग्‍स डिक्‍लेयर. यह मोदीजी कर सकता है, कोई और नहीं."

सहयोग बराबरी और आत्मसम्मान के आधार पर हो: SP सांसद

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के रमाशंकर राजभर ने कहा कि मुलायम यादव जी ने सदन में कहा था कि भारत को किसी के दवाब में नहीं, बल्कि अपने स्वाभिमान के बल पर चलना चाहिए. चाहे अमेरिका हो, चीन हो या पाकिस्तान हो, भारत को झुकना नहीं चाहिए. अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते रणनीतिक हैं, लेकिन इसका ध्यान रखना चाहिए कि सहयोग की कोई बात या शर्त बराबरी और आत्मसम्मान के आधार पर हो.

पीओके आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे?: गौरव गोगोई

लोकसभा में सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने राजनाथ सिंह के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजनाथ सिंह ने बताया कि हमारा मकसद युद्ध नहीं था, और मैं पूछना चाहता हूं कि क्यों नहीं था? पीओके आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे?

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी सरकार से सवाल किया. उन्होंने कहा, "देश जानना चाहता है. 100 दिन बीतने के बाद भी सरकार पहलगाम के दहशतगर्दों को क्यों नहीं पकड़ पाई? पहलगाम के आतंकियों को किसने पनाह दी, किसने जानकारी दी? पहलगाम के आतंकियों को फरार होने में किसने मदद की? 100 दिन बीत गए, लेकिन सरकार के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है. सरकार के पास ड्रोन, पेगासस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ है, वहां गृहमंत्री कुछ दिन पहले ही गए थे, लेकिन फिर भी आप किसी को पकड़ नहीं पाए. ये कैसा बंदोबस्त था?"

विपक्ष ऑपरेशन पर उचित सवाल नहीं पूछ रहा है: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत की. पाकिस्तान से जंग के दौरान भारत के कितने लड़ाकू विमान मार गिराए गए, इस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सवाल ही गलत है. विपक्ष ने ये कभी नहीं पूछा कि हमने कितने दुश्मन के विमानों को मार गिराया. विपक्ष ऑपरेशन पर उचित सवाल नहीं पूछ रहा है. राजनाथ सिंह ने 1971 और 1962 युद्ध के दौरान विपक्ष के तौर पर पूछे गए सवालों का जिक्र किया. राजनाथ ने कहा कि हमने 1962 में हमने सेना के शौर्य पर कभी सवाल नहीं किए. हमने कभी नहीं पूछे कि सेना के कितने टैंक या विमान बर्बाद हुए. हमारे लिए रिजल्ट मैटर करता है, जैसे परीक्षा के दौरान ये मायने नहीं रखता कि पेन या पेंसिल टूटी. आखिरकार परिणाम मायने रखता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए लोकसभा ने कहा कि यह ऑपरेशन इसलिए रोका गया, क्योंकि जो भी पॉलिटिकल और मिलिट्री लक्ष्य हासिल किए जाने थे, वह हो गए थे. लेकिन यह कहना कि किसी दबाब में ऐसा किया गया कि पूरी तरह से बेबुनियाद है.

एग्जाम में बच्चा अच्छे मार्क्स लेकर आ रहा है तो इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए कि एग्जाम के दौरान उसकी पेंसिल टूट गई थी या पेन खो गया था.

प्रभु हनुमान की रणनीति की तरह हुई कार्रवाई: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे...प्रभु हनुमान की रणनीति के तरह ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों को मारा' गया. 

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