कश्मीर में बाढ़ (फाइल फोटो)
श्रीनगर:
कश्मीर में बाढ़ से हुई भयंकर तबाही को एक बरस बीत गया, लेकिन इस प्राकृतिक हादसे के शिकार हुए लोगों को लगता है कि इस दौरान केन्द्र और राज्य की सरकारों ने उनके पुनर्वास हेतु बहुत ही कम काम किया है।
75 वर्षीय गुलाम मोहम्मद भट ने कहा, हम एक बरस गुजरने के बाद की बात कर रहे हैं, और राहत तथा पुनर्वास के नाम पर हमें बहुत थोड़ा ही कुछ मिला है। पिछले साल सितंबर के पहले सप्ताह में कश्मीर और जम्मू के कुछ हिस्सों में आई भयंकर बाढ़ के दौरान शहर के जवाहर नगर इलाके में स्थित भट का तीन मंजिला मकान ढह गया था। भट और उनका परिवार मकान गिरने से बस कुछ ही मिनट पहले वहां से बाहर निकला था, और शुक्र है कि वे जीवित बच गए।
भट की पत्नी नबला बेगम का कहना है, हम पड़ोसी के मकान की तीसरी मंजिल पर शरण लिए हुए थे और हमने अपने मकान को आंखों के सामने गिरते देखा। सभी कुछ खत्म हो गया, हम सिर्फ अपनी जान बचा सके। यह बुजुर्ग दंपति अभी भी अपने रिश्तेदारों के साथ रावलपुरा कस्बे में रह रहे हैं, क्योंकि सरकार की ओर से सहायता राशि के रूप में मिले 78,800 रुपये से तो उनके मकान का मलबा तक साफ नहीं कराया जा सका।
भट ने कहा, हम बाढ़ पीड़ितों के लिए केन्द्र से खुले दिल से सहायता की आशा कर रहे थे, लेकिन एक साल के बाद भी उन्होंने प्रदेश के लिए राहत पैकेज पर फैसला नहीं किया है। कुछ पीड़ितों ने राजस्व विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों, जिन्होंने बाढ़ से हुई क्षति की आकलन रिपोर्ट तैयार की थी, पर अनियमितताओं का आरोप भी लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी और नेताओं से निकटता के कारण कुछ लोगों को सहायता राशि की पहली किश्त एक से अधिक बार मिली।
नातीपुरा निवासी अली मोहम्मद का कहना है, हमारे क्षेत्र में और एक मामला आया है, जहां एक व्यक्ति को चार अलग-अलग बैंक खातों में, नाम में मामूली बदलाव के साथ 50,000 रुपये की सहायता राशि का पहला इंस्टॉलमेंट चार बार मिला। राजस्व विभाग के दस्तावेज दिखाते हुए, अली मोहम्मद ने बताया कि किस तरह मोहम्मद अमीन भट नामक व्यक्ति का नाम नातीपुरा के लाभार्थियों की सूची में चार बार.. ‘मोहम्मद अमीन’, ‘एम. ए. भट’ और ‘मोहम्मद अमीन’ के नाम से आया है।
उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र में इतने मोहम्मद अमीन नहीं हैं, किसी को इसकी जांच करनी चाहिए। इस पूरे मामले में उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कल कहा था कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु जल्दी ही राज्य को बड़ी वित्तीय सहायता मंजूरी की जाएगी।
सिंह ने कहा, केन्द्र ने कुछ धन दिया था जिसे हमने बांट दिया है। बड़े पैकेज की घोषणा जल्दी ही होगी। आप जानते ही हैं कि सरकार को पूरा ब्योरा बनाना पड़ता है कि धन कहां खर्च होना है, (लेकिन) जल्दी ही यह आएगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय सहायता 44,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की होगी, जैसा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रस्तावित किया था।
75 वर्षीय गुलाम मोहम्मद भट ने कहा, हम एक बरस गुजरने के बाद की बात कर रहे हैं, और राहत तथा पुनर्वास के नाम पर हमें बहुत थोड़ा ही कुछ मिला है। पिछले साल सितंबर के पहले सप्ताह में कश्मीर और जम्मू के कुछ हिस्सों में आई भयंकर बाढ़ के दौरान शहर के जवाहर नगर इलाके में स्थित भट का तीन मंजिला मकान ढह गया था। भट और उनका परिवार मकान गिरने से बस कुछ ही मिनट पहले वहां से बाहर निकला था, और शुक्र है कि वे जीवित बच गए।
भट की पत्नी नबला बेगम का कहना है, हम पड़ोसी के मकान की तीसरी मंजिल पर शरण लिए हुए थे और हमने अपने मकान को आंखों के सामने गिरते देखा। सभी कुछ खत्म हो गया, हम सिर्फ अपनी जान बचा सके। यह बुजुर्ग दंपति अभी भी अपने रिश्तेदारों के साथ रावलपुरा कस्बे में रह रहे हैं, क्योंकि सरकार की ओर से सहायता राशि के रूप में मिले 78,800 रुपये से तो उनके मकान का मलबा तक साफ नहीं कराया जा सका।
भट ने कहा, हम बाढ़ पीड़ितों के लिए केन्द्र से खुले दिल से सहायता की आशा कर रहे थे, लेकिन एक साल के बाद भी उन्होंने प्रदेश के लिए राहत पैकेज पर फैसला नहीं किया है। कुछ पीड़ितों ने राजस्व विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों, जिन्होंने बाढ़ से हुई क्षति की आकलन रिपोर्ट तैयार की थी, पर अनियमितताओं का आरोप भी लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रिश्वतखोरी और नेताओं से निकटता के कारण कुछ लोगों को सहायता राशि की पहली किश्त एक से अधिक बार मिली।
नातीपुरा निवासी अली मोहम्मद का कहना है, हमारे क्षेत्र में और एक मामला आया है, जहां एक व्यक्ति को चार अलग-अलग बैंक खातों में, नाम में मामूली बदलाव के साथ 50,000 रुपये की सहायता राशि का पहला इंस्टॉलमेंट चार बार मिला। राजस्व विभाग के दस्तावेज दिखाते हुए, अली मोहम्मद ने बताया कि किस तरह मोहम्मद अमीन भट नामक व्यक्ति का नाम नातीपुरा के लाभार्थियों की सूची में चार बार.. ‘मोहम्मद अमीन’, ‘एम. ए. भट’ और ‘मोहम्मद अमीन’ के नाम से आया है।
उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र में इतने मोहम्मद अमीन नहीं हैं, किसी को इसकी जांच करनी चाहिए। इस पूरे मामले में उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कल कहा था कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु जल्दी ही राज्य को बड़ी वित्तीय सहायता मंजूरी की जाएगी।
सिंह ने कहा, केन्द्र ने कुछ धन दिया था जिसे हमने बांट दिया है। बड़े पैकेज की घोषणा जल्दी ही होगी। आप जानते ही हैं कि सरकार को पूरा ब्योरा बनाना पड़ता है कि धन कहां खर्च होना है, (लेकिन) जल्दी ही यह आएगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय सहायता 44,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की होगी, जैसा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रस्तावित किया था।
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